
आम आदमी पार्टी में आंतरिक खींचतान की कहानी अब बयानबाजी और एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने के अगले स्तर पर पहुंच गई है. बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है, जिसमें योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की किस्मत पर फैसला होगा, वहीं मंगलवार को पार्टी नेता आशीष खेतान ने ट्वीट कर प्रशांत भूषण और उनके परिवार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
खेतान ने ट्विटर पर लिखा कि जो लोग पार्टी को एक आदमी की पार्टी की थ्योरी बता रहे हैं, असल में वह इसे एक परिवार की पार्टी बनाना चाहते हैं. खेतान ने भूषण परिवार को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, 'शांति भूषण और शालिनी के पिता, बेटे और बेटी की तिकड़ी पार्टी के सभी विंग पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है. वह पीएसी से लेकर पॉलिसी कमिटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं.'
आशुतोष ने भी किया ट्वीट
इस बीच पार्टी नेता आशुतोष ने भी ट्वीट कर कहा कि प्रशांत भूषण को मीडिया के बजाय नेशनल एग्जीक्यूटिव से अपनी नाराजगी जाहिर करनी चाहिए थी. उनको एनई में ही मुद्दा उठाना चाहिए. आशुतोष ने लिखा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का निर्णय सबसे ऊपर है.
AAP में ये तो होना ही था: बेदी
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन के दौरान केजरीवाल की साथी रहीं किरण बेदी ने भी 'आप' के घर में घमासान पर टिप्पणी की है. बीजेपी नेता ने ट्विटर पर लिखा कि 'आप' के घमासान पर उन्हें हैरानी नहीं हुई है. बेदी ने लिखा, 'यह तो होना ही था. बस समय और मुद्दे का सवाल था.'
फुलका ने आगे कहा कि एक महीने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एसएमएस किया कि अगर जरूरत नहीं है तो फिर पार्टी में उन्हें रखा ही क्यों गया है. फुलका ने बताया, 'केजरीवाल ने फौरन एसएमएस किया और कहा कि आपकी बहुत जरूरत है. मैं मामले को देखता हूं. मुझे पता नहीं था मामले के बारे में. फिर केजरीवाल ने मुझे कहा कि 15 फरवरी 2014 से पंजाब की यात्रा को लीड करो. तब योगेंद्र ने पंजाब की कैंपेन कमिटी बना दी. कमिटी के ज्यादातर लोग मेरे खिलाफ काम कर रहे थे. चुनाव में इनका यही उद्देश्य था कि मुझे कैसे चुनाव हरवाया जाए.'