
अपने संबोधन के दौरान योगेंद्र यादव ने कहा-
यहां जितने लोग बैठे हैं, किसी ने आज से पहले राजनीति नहीं की है. आम आदमी पार्टी में जो चल रहा है, उससे पार्टी का आदर्शवादी कार्यकर्ता निराश है. कोई भी यहां राजनीतिक दलाली करने नहीं निकला था. आम लोग पहली बार राजनीति से उम्मीद जोड़ कर निकले थे, लेकिन वो छला हुआ महसूस कर रहे हैं. आज कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या ने इस बैठक में हिस्सा लेकर उन आलोचकों को जवाब दिया है, जो यह कहते थे कि कार्यकर्ता हमारे साथ नहीं हैं.
पार्टी से कार्यकर्ताओं को अपेक्षा थी, उन्हें निराशा हाथ लगी है. लेकिन अगर हम आज असफल होते हैं तो आने वाले 20 वर्षों तक कोई राजनीति में नहीं आना चाहेगा. ये कार्यकर्ता यहां प्रशांत भूषण या योगेंद्र यादव के लिए नहीं आए हैं. ये आए हैं, क्योंकि इन्होंने पहली बार राजनीति में कदम रखा है. इनकी आशाएं जुड़ी हैं. पार्टी से जुड़े 93 फीसदी लोग कह रहे हैं कि पार्टी के अंदर अब स्वराज नहीं बचा है.
हमने साथ मिलकर चलने की सभी संभावित कोशिशें कीं. प्रशांत भूषण तो अपने पिता के खिलाफ भी गए. हमें हरियाणा की जिम्मेदारी का ऑफर दिया गया, लेकिन हमने मना कर दिया. हमारा आंदोलन सिर्फ घूसखोरी और भ्रष्टाचार को खत्म करने तक सीमित नहीं था. हमने एकता बनाने की हर संभव कोशिश की. प्रशांत भूषण ने अपने पिता के खिलाफ जाकर टीवी पर बयान तक दे दिया.
'मेरी पत्नी के सवाल पर चुप हो गए 'आप' नेता'
हमने देखा कि कैसे एक आदमी की तस्वीर पार्टी के झंडे पर दिखाई देती है. देश की कोई भी पार्टी ऐसा नहीं करती है. जयललिता ने भी कभी ऐसा नहीं किया. हम देख रहें हैं कि कैसे पार्टी के अंदर दिल्ली दरबार की संस्कृति का विकास हुआ है. पार्टी के चार बड़े नेता नेगोशिएशन के लिए मेरे घर आए. मेरी पत्नी ने सवाल किया कि बताइए योगेंद्र ने दिल्ली चुनाव में पार्टी के खिलाफ कब काम किया. चारों में किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया.
दिल्ली में कोई भी घोषणा करना आसान है, लेकिन हर कोने तक पहुंचना मुश्किल. पार्टी में कोई स्वराज नहीं बचा है. दूसरी बात यह है कि पार्टी के मौजूदा नेतृत्व पर अब विश्वास नहीं रह गया है. लोगों को अपनी लिखी किताब और अपने ही भाषणों को सुनने की जरूरत है. देश में 5000 राजनीतिक साधु तलाशने होंगे.
'नई शुरुआत करेंगे'
जरूरत है कि कोई भी निर्णय करने से पहले पार्टी के आखिरी कार्यकर्ता से सलाह ली जाए. मेरा प्रस्ताव है कि हम आज से नई शुरुआत करेंगे. हम आज से वैकल्पिक राजनीति करेंगे. कुछ कार्यकर्ताओं को नेताओं का पार्टी से निलंबन हो सकता है. लेकिन हमें आज से ऐसे स्वराज संवाद की शुरुआत करनी होगी. नई पार्टी अलग बात है, लेकिन पहले हमें जमीन तैयार करनी होगी.
प्रशांत भूषण ने अपने संबोधन में कहा-
हमें पार्टी को उन लोगों से बचाना होगा, जिन्होंने इस पर कब्जा जमा लिया है. हमने यह वादा किया था कि हम पहली ऐसी पार्टी बनेंगे जो RTI के दायरे में आएगी. लेकिन AAP में स्वराज नहीं रह गया है, पार्टी जिन वादों पर बनाई गई थी उनको पूरा नहीं कर रही है. हम नई पार्टी बना सकते हैं, लेकिन उससे पहले हमें जनता में खुद को साबित करना पड़ेगा. हमने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा है और जरूरत है कि वो गलतियां दोहराई न जाएं. हमें दिखाना होगा कि कैसे एक पार्टी पारदर्शी तरीके से पूरे स्वराज के साथ चल सकती है. हमने साथ मिलकर काम करने की कई कोशिशें कीं. यह केजरीवाल और उनकी चौकड़ी की पार्टी नहीं थी. लाखों कार्यकर्ताओं ने साथ मिलकर काम किया है.