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आरुषि केस: जिस थ्योरी से तलवार दंपति को हुई थी उम्रकैद, वो CBI अफसर ने दी थी!

बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नरेश राज ने द्वारा दी गई रिपोर्ट एक सीबीआई अफसर की थ्योरी से प्रभावित थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में गवाही के दौरान उन्होंने बताया था कि सीबीआई अफसर की थ्योरी को अपने वैवाहिक अनुभव से जोड़ा और पाया कि हेमराज और आरुषि के बीच शारीरिक संबंध की प्रक्रिया हो रही थी.

बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नरेश राज ने द्वारा दी गई रिपोर्ट एक सीबीआई अफसर की थ्योरी से प्रभावित थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में गवाही के दौरान उन्होंने बताया था कि सीबीआई अफसर की थ्योरी को अपने वैवाहिक अनुभव से जोड़ा और पाया कि हेमराज और आरुषि के बीच शारीरिक संबंध की प्रक्रिया हो रही थी.

डॉ. नरेश राज ने टीओआई को बताया है कि सीबीआई की दूसरी टीम के अफसर एजीएल कौल ने उनसे कहा था कि हेमराज और आरुषि शारीरिक संबंध बनाने जा रहे थे. उसी वक्त डॉ. राजेश की नजर उन पर पड़ी, जिसके बाद ही सबकुछ हुआ. डॉ. राज के मुताबिक, कौल ही वो शख्स थे, जिन्होंने इस थ्योरी से पोस्टमार्टम करने वाले दोनों को अवगत कराया था.

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इससे पहले पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नरेश राज और डॉ. सुनील डोहरे ने इस थ्योरी के बारे में सोचा भी नहीं था. लेकिन सीबीआई अफसर की इस थ्योरी को सोचने के बाद वैवाहिक अनुभव के आधार पर उन्हें भी लगा कि हत्या होने से पहले हेमराज ने आरुषि के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे या फिर वह उस प्रक्रिया में था. इसी आधार पर उन्होंने अपनी रिपोर्ट दी थी.

हाई कोर्ट ने जताई गहरी नाराजगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट को नरेश राज ने बताया था कि, 'अपने वैवाहिक अनुभव के आधार पर मैंने हेमराज के प्राइवेट पार्ट में आई सूजन का कारण बताया कि वो सेक्सुअल इंटरकोर्स के बीच था या फिर ऐसा करने वाला था.' इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी. कोर्ट का कहना था कि फॉरेंसिक साइंस में व्यक्तिगत नतीजों की जगह नहीं होती है.

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ऐसे मिले यौन उत्पीड़न के संकेत

डॉ. सुनील डोहरे ने बताया था कि आरुषि के वजाइनल कैविटी में व्हाइट डिस्चार्ज की मौजूदगी से यौन उत्पीड़न के संकेत मिले. कोर्ट ने सवाल किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पहले तीन बयानों में कहीं भी इसका जिक्र नहीं है. चौथे बयान के आधार पर सीबीआई ने माना कि हेमराज-आरुषि को आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद उनकी हत्या की गई थी.

बेडरूम में मिला आरुषि का खून

हत्या की जगह पर जांच करने वाले फॉरेंसिक डॉक्टर मोहिंदर सिंह दहिया की रिपोर्ट के अनुसार आरुषि के बेडरूम में हेमराज का खून कहीं नहीं पाया गया था. डीएनए एक्सपर्ट डॉक्टर बीके महापात्रा और सेरोलॉजिस्ट सुरेश कुमार सिंगला ने कोर्ट को साफ किया था कि कमरे की चादर, तकिए और जगहों पर केवल आरुषि का खून ही पाया गया था.

...तो क्या ये थी असली वजह!

डॉ. उर्मिला शर्मा के मुताबिक, आरुषि के वजाइनल कैविटी पर सफेद पदार्थ पाया जाना आम बात है. इसकी वजह यह है कि 13 से 14 साल की उम्र में हर लड़की में हार्मोनल बदलाव होते हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर भी सेक्सुअल इंटरकोर्स की थ्योरी पर संदेह होता है. वहीं, हेमराज के प्राइवेट पार्ट में आई सूजन, उसकी लाश धूप में रहने की वजह से हो सकती है.

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