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डोकलाम पर PAK का दांव, चीन-भूटान के राजदूत से मिले बासित

पाकिस्तान अब भारत और चीन के बीच में भूटान के मसले पर चल रहे विवाद को हवा देना चाहता है. दूसरी तरफ चीन इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय रंग देना चाहता है. आपको बता दें कि बासित का कार्यकाल इसी माह पूरा हो रहा है.

चीनी राजदूत से मिले अब्दुल बासित चीनी राजदूत से मिले अब्दुल बासित
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद में अब पाकिस्तान खुली तरह से कूद गया है. भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत में चीन के उच्चायुक्त लू झाओहुई और भूटान के उच्चायुक्त वेटसॉप नमगेल से मिले हैं. साफ है कि पाकिस्तान अब भारत और चीन के बीच में भूटान के मसले पर चल रहे विवाद को हवा देना चाहता है. दूसरी तरफ चीन इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय रंग देना चाहता है. आपको बता दें कि बासित का कार्यकाल इसी माह पूरा हो रहा है.

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इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ब्रिक्स देशों की बैठक में हिस्सा लेने बीजिंग जाएंगे. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मसले पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चीन के साथ बातचीत के लिए डिप्लोमेटिक चैनल खुले हुए हैं. इस मामले में भारत के रुख में निरंतरता है. हम लगातार बातचीत पर जोर दे रहे हैं. हालांकि इस मसले पर संवेदनशील जानकारियां शेयर नहीं की जा सकती.

 

बागले ने कहा कि भारत चीन के साथ सैन्य गतिरोध पर दुनिया भर के नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है. भारत की कोशिश चीन के साथ सीमा विवाद से जुड़े हर मसले का शांतिपूर्ण हल तलाशना है. भारत और चीन के बीच किसी भी तरह के मतभेद को विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए. बागले ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही जाएंगे.

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हिंदू राष्ट्रवाद पर निशाना

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कॉलमिस्ट यू यिंग के लिखे आर्टिकल में कहा गया है कि भारत में बढ़ रहा हिंदू राष्ट्रवाद चीन के साथ युद्ध का कारण बन रहा है. इसमें लिखा गया है कि भारत को अपने देश में बढ़ रहे इस हिंदू राष्ट्रवाद के प्रति सजग रहना चाहिए और इसे दो देशों के बीच में विवाद का कारण नहीं बनने दिया जाना चाहिए. लेख में कहा गया है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में हिंदू राष्ट्रवाद की भावनाओं में बढ़ोतरी हुई है. ऐसी भावनाएं बढ़ने के बाद मोदी सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है, जिसका उदाहरण है कि 2014 के बाद से भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है. लेख में कॉलमिस्ट ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के लिए इस हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया.

 

गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ रही है. सिक्किम के पास डोकलाम में बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं, तो वहीं अपने सरकारी अखबार के जरिये चीन भी आए दिन गीदड़भभकी दे रहा है. चीन का कहना है कि भारत बॉर्डर से अपनी सेना को हटा ले. वहीं चीनी अखबार ने अपने आर्टिकल में साफ तौर पर लिखा है कि चीन भारत से किसी भी तरह के संघर्ष के लिए तैयार है. भारत को डराकर और युद्ध की धमकी देकर चीन पूरी दुनिया को कई संदेश देना चाहता है.

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