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BJP लहर में भी रिकॉर्ड मतों से जीते थे आजम खान के बेटे अब्दुल्ला, अब गई विधायकी

बीजेपी की लहर में जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन परास्त हो गया, वहीं बहुजन समाज पार्टी भी बुरी तरह हार गई. इस सबके बावजूद आजम खान अपनी सीट रामपुर और बेटे अब्दुल्ला की स्वार सीट बचाने में कामयाब रहे और दोनों ही सीटों पर सपा की जीत हुई.

अब्दुल्ला आजम खान (फोटो- IANS) अब्दुल्ला आजम खान (फोटो- IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को बड़ा झटका लगा है. गलत उम्र बताने के आरोप में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया है. अब्दुल्ला आजम रामपुर इलाके की स्वार विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव जीते थे और उनका यह पहला चुनाव था.

आजम खान और तंजीन फातिमा के दो बेटे अदीब आजम और अब्दुल्ला आजम हैं. अब्दुल्ला आजम छोटे बेटे हैं, जिन्होंने बीटेक के बाद नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से 2015 में एम. टेक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 2017 में अब्दुल्ला ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर स्वार सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा. 26 साल की उम्र में चुनाव जीतकर वो यूपी विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक भी बन गए.

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उम्र पर हुआ विवाद

बीजेपी की लहर में जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन परास्त हो गया, वहीं बहुजन समाज पार्टी भी बुरी तरह हार गई. इस सबके बावजूद आजम खान अपनी सीट रामपुर और बेटे अब्दुल्ला की स्वार सीट बचाने में कामयाब रहे और दोनों ही सीटों पर सपा की जीत हुई.

अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, जबकि बीएसपी के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे. बता दें कि नवाब काजिम अली इस सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हैं. उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर स्वार से चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में जब वो बसपा के टिकट पर लड़े तो अब्दुल्ला आजम ने उन्हें रिकॉर्डतोड़ मतों से मात दी.

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अब्दुल्ला आजम ने जीत तो दर्ज कर ली, लेकिन नवाब काजिम अली ने उनके खिलाफ शिकायत कर दी. काजिम अली ने आरोप लगाया कि उम्र ज्यादा बताने के लिए फर्जी दस्तावेज दिए गए, जिनके आधार पर चुनाव लड़ा गया. बता दें कि चुनाव लड़ने के लिए 25 साल उम्र की सीमा है और आरोप है कि चुनाव लड़ने के वक्त अब्दुल्ला की उम्र थी, लेकिन उन्होंने फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़ा. बता दें कि यूपी विधानसभा के वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 बताई गई है.

फर्जी प्रमाण पत्र के लगे आरोप

आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम पर दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप भी लगाया गया. यह आरोप एक बीजेपी नेता ने लगाया था. शिकायत में कहा गया था कि अब्दुल्ला आजम का एक जन्म प्रमाणपत्र 28 जून, 2012 को रामपुर नगरपालिका परिषद से जारी किया गया और यह प्रमाणपत्र आजम खां और तजीन फातिमा के शपथपत्र के आधार पर जारी किया गया. इस पत्र में अब्दुल्ला का जन्म स्थान रामपुर दिखाया गया है.

शिकायत में यह भी दावा किया गया कि दूसरा प्रमाणपत्र 21 जनवरी, 2015 को लखनऊ नगर निगम से बना है, जो क्वीन मेरी अस्पताल के डुप्लीकेट जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर जारी किया गया है. इसमें अब्दुल्ला का जन्म स्थान लखनऊ दिखाया गया है.

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बहरहाल, इन तमाम शिकायतों के बीच बसपा नेता नवाब काजिम के आरोपों पर कोर्ट में सुनवाई हुई और सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उनका निर्वाचन रद्द कर दिया.

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