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अभय देओलः नेपोटिज्म इंडस्ट्री का कल्चर है

मैं रेस में नहीं हूं. टॉप फाइव में रहने की मेरी कोइ इच्छा नहीं

अभय देओल अभय देओल
संध्या द्विवेदी/मंजीत ठाकुर
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  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

अभिनेता अभय देओल की फिल्म नानू की जानू रिलीज हुई है. इस फिल्म के अलावा देओल परिवार और कई अन्य विषयों पर मुंबई में उनसे नवीन कुमार ने बातचीत की. पेश है उसके अंश-

आपकी छवि सिंपल एक्टिंग करने वाले ऐक्टर की है. नानू की जानू से छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं?

मैं इमेज चेंज नहीं कर रहा हूं. लोगों का कहना है कि मैं कुछ अलग करता हूं. नानू की जानू भी अलग फिल्म है, यह हॉरर कॉमेडी फिल्म है.  मैं कमर्शियल और ऑफबीट फिल्मों में बैलेंस करने की कोशिश कर रहा हूं, ऐसा हॉलीवुड के ऐक्टर भी करते हैं ताकि ऑफबीट फिल्मों के लिए भी पैसे मिल जाए.

आपको लगता है कि बॉलीवुड में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का ट्रेंड बन रहा है?

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मेरे ख्याल से अभी तक गोलमाल एगेन और परी दो फिल्में आई हैं. अब नानू की जानू है. इससे ट्रेंड नहीं बनता है.

आप भूत से डरते हैं?

मुझे भूत से डर नहीं लगता है. मैं तो घर में लाइट बंद करके हॉरर फिल्में देखता हूं ताकि डर लगे. लेकिन डर लगता ही नहीं.

जिंदगी ना मिलेगी दोबारा फिल्म में आपने ऋतिक रोशन और फरहान अख्तर जैसे कलाकारों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई थी. लेकिन ऐसे कलाकारों के साथ और फिल्में क्यों नहीं की?

ऐसी फिल्मों के ऑफर नहीं आते. मैं क्या करूं. डायरेक्टर को बोलना चाहिए. हमारी इंडस्ट्री बहुत छोटी है. गिन-चुने लोगों के पास पावर है. उस माहौल में कुछ अलग बनाना मुश्किल है.

सफलता की रेस में आप खुद को कहां पाते हैं?

मैं किसी रेस में नहीं हूं. मेरा मानना है कि जो मैं कर सकता हूं वो आप नहीं कर सकते और जो आप कर सकते हैं वो मैं नहीं कर सकता. टॉप फाइव में रहने की मेरी इच्छा नहीं है. बस मैं अच्छी फिल्में करना चाहता हूं.

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नेपोटिज्म के बारे में आप क्या सोचते हैं?

नेपोटिज्म इंडस्ट्री का कल्चर है. आप देखिए, इंडस्ट्री में नब्बे फीसदी यहां के लोग काम कर रहे हैं. बाहर के लोगों को मौका मिल ही नहीं रहा है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि फिल्मी दुनिया में पांव जमाना किड्स के लिए आसान है. मेहनत इंडस्ट्री और बाहर दोनों के लोगों को करनी है.

देओल परिवार में आपको छोड़कर बाकी सभी साथ में फिल्में कर रहे हैं. आप क्यों नहीं शामिल हैं?

पप्पा (धर्मेंद्र) के सामने ऐक्टिंग करना मुश्किल है. वो बहुत मेहनती कलाकार हैं. पप्पा और सनी भैया काफी शर्मिले हैं. बॉबी के साथ मैं सहज रहता हूं. हां, कोई अच्छी स्क्रिप्ट आ जाए तो मैं उन सबके साथ फिल्म जरूर करूंगा.

देओल परिवार मीडिया से दूर क्यों रहता है?

एक गलती हमारे परिवार की है और वो यह है कि हम बनावटी लोग नहीं हैं. अपने शर्मिले स्वभाव की वजह से हम लोग मीडिया से दूर रहते हैं. हम चुपचाप काम करने और हर किसी को रिस्पेक्ट देने वाले लोग हैं.

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