
अभय देओल की गिनती बॉलीवुड के कॉमर्शियल और मेनस्ट्रीम एक्टर्स में नहीं होती. उनकी अपनी एक अलग क्लास है. न तो वो कोई फेयरनेस क्रीम का प्रचार करते हैं और न ही जल्दबाजी में कोई बड़े-छोटे बैनर की फिल्म साइन करते हैं. इसके अलावा तमाम सोशल इश्यूज पर भी उनकी राय हमेशा स्पष्ट रहती है.
हाल ही में जब 61 युवकों को मुंबई में अभद्रता के लिए पुलिस ने धर दबोचा, तब एक अनजान लेखक की पोस्ट अभय ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट की. उसके बाद अभय ने फेसबुक पर सेक्स के बारे में एक पोस्ट लिखा, जिसको दुनिया काफी सराह रही है.
अपनी पोस्ट में अभय ने साफ लिखा कि क्यों भारतीयों को अपना पाखण्ड और ढोंगपना छोड़ देना चाहिए. इसमें इंडियन कल्चर से लेकर उसके 'आत्म घोषित संरक्षकों' पर भी उन्होंने बात की. अभय ने स्वीकारा, 'सबकी तरह मुझे भी सेक्स पसंद है, लेकिन खुलेआम इसे स्वीकारने में शर्म आती है. लेकिन फिर मैं दिमाग से काम लेता हूं और शर्म को दरकिनार कर देता हूं. मेरी परवरिश भी उन्हीं भारतीय मूल्यों के बीच हुई है जैसी किसी और इंडियन की. लेकिन मुंबई में जो हुआ वो कितना सही था? सेक्स को लेकर उन युवकों को सजा मिलनी चाहिए थी? हम पश्चिमी देशों के प्रभाव की बात करते हैं, शादी से पहले सेक्स को खराब नजर से देखते हैं और कई दकियानूसी विचार भी रखते हैं. लेकिन उन मूल्यों का क्या जो यहां कामसूत्र के जमाने से हैं? पुराने हो चुके उन ब्रिटिश कानूनों का क्या जो विक्टोरियन युग से हैं? पहले भी राजा और रानी साथ रहते थे और जब जब कोई नया राजवंश यहां आया है वो अपनी छाप छोड़कर ही गया है. अगर हम मॉरल पुलिस की बात करते हैं, तो फिर प्रिंसिपल पुलिस की क्यों नहीं?'
SEX!Even I am baffled by our society’s obsession with sex.I enjoy it, I crave it, I pursue it. I don’t hide the...
Posted by Abhay Deol on Tuesday, August 11, 2015