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अबु दुजाना की जगह लेगा इस्माइल, अमरनाथ यात्रा पर हमले का है मास्टरमाइंड

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ के दौरान मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना की जगह अब अबु इस्माइल लेगा. इस्माइल वही आतंकी है, जिसने पिछले महीने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया था. इस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड इस्माइल ने अपने तीन साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया, जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई थी.

अबु इस्माइल (बाएं) और अबु दुजाना अबु इस्माइल (बाएं) और अबु दुजाना
मुकेश कुमार
  • श्रीनगर,
  • 02 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ के दौरान मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना की जगह अब अबु इस्माइल लेगा. इस्माइल वही आतंकी है, जिसने पिछले महीने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया था. इस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड इस्माइल ने अपने तीन साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया, जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई थी.

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकी अबू इस्माइल करीब तीन साल पहले कश्मीर में आया था. इसके बाद उसे साउथ कश्मीर में लश्कर का कमांडर बना दिया गया. वह पंपोर इलाके में रहकर आतंकी वारदात को अंजाम दे रहा है. हिजबुल मुजाहिद्दीन के सुप्रीम कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद लश्कर आतंकी इस्माइल कश्मीर घाटी में सक्रिय हो गया है.

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कश्मीर घाटी में नोटबंदी के बाद बैंक और एटीएम लूट की वारदात के पीछे अबु इस्माइल का ही हाथ था. पिछले साल दिसंबर में सेना के साथ हुए एनकाउंटर में इस्माइल फंस गया था, लेकिन भाग निकला. इसके बाद से ही इस्माइल घाटी में आतंक का पर्याय बन गया. उसे लश्कर कमांडर अबु दुजाना का काफी करीबी माना जाता है. इसलिए अब उसे कमांडर बनाया जाएगा.

बताते चलें कि साल 2010 में अबु दुजाना लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था. उसने पीओके के ट्रेनिंग कैंपों में आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी. उसके बाद साल 2012 में पीओके से कश्मीर में घुसा था. साल 2015 में अबु कासिम के मारे जाने के बाद दुजाना को लश्कर का कमांडर बना था. वह A++ कैटेगिरी का आतंकी था, उस पर करीब 30 लाख रुपये का इनाम था.

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लश्कर कमांडर बनने के बाद दुजाना के निशाने पर सुरक्षाबल रहते थे. बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से उसने जवानों के खिलाफ कई बड़ी साजिशें रचीं थी. दुजाना ने 5 अगस्त 2015 को उधमपुर में बीएसएफ काफिले पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें 2 जवान शहीद हुए थे. 20 फरवरी, 2016 को पंपोर में हुए आत्मघाती आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था.

सीमा पार से कम पढ़े लिखे गरीब युवाओं को जब हाथ में बंदूक थमाकर हिंदुस्तान में खून बहाने के लिए भेजा जाता है तो इनके मौलाना-नुमा आका इन्हें भरोसा दिलाते हैं कि यदि मारे गए तो जन्नत जाओगे और वहां 72 हूरें तुम्हारा इंतजार कर रही होगी. यदि यही सच है तो फिर गिलगिट का रहने वाला 30 लाख का इनामी अबू दुजाना आज हूरों के बीच पहुंच गया.

 

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