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हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद भड़के गुस्से की आग दिल्ली तक फैल गई है. मामले में विपक्ष की एकजुटता और विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने मामले में दलित और गैर दलित के बीच की लड़ाई मानने से साफ इनकार कर दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि वह एक मां और मंत्री होने के नाते रोहित की मौत से दुखी हैं. यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि छात्र ने अपनी सुसाइड नोट में किसी अधिकारी या सांसद का नाम नहीं लिखा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा, 'मैं मां और मंत्री होने के नाते रोहित की खुदकुशी से आहत हूं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. मंत्रालय को यूनिवर्सिटी के बारे में कई शिकायतें मिली थीं. एक शिकायत कांग्रेस के हनुमंत राव के द्वारा भी की गई थी. मैं नहीं मानती कि यह खुदकुशी दलित बनाम गैर दलित का मुद्दा है. जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार छात्रों के एक दल ने दूसरे दल पर हमला किया था.' मंत्री ने मामले में यूनिवर्सिटी के वीसी पर किसी भी तरह का दबाव डालने से भी इनकार किया है.
गौरतलब है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के एक दलित छात्र रोहित वेमुला ने सस्पेंड किए जाने से परेशान होकर रविवार को आत्महत्या कर ली थी. छात्र ने एक सुसाइट नोट भी लिखा, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं माना है. हालांकि, इस घटना पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बाद विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर निशाना साधा है और उन्हें जिम्मेदार बताया है.
ABVP नेता नंदनम सुशील कुमार ने पिछले साल अगस्त में आरोप लगाया था कि अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन(ASA) के सदस्यों ने हॉस्टल के कमरे में उनकी पिटाई की थी. सुशील के भाई विष्णु कुमार ने 4 अगस्त को उसे मदिनगुडा के अर्चना अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन अस्पताल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 अगस्त को सुशील का एपेन्डिसाइटिस का ऑपरेशन किया गया था और किसी तरह की चोट का जिक्र नहीं किया गया है. इसके बाद जाहिर तौर पर सुशील कुमार के पिटाई के दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
अर्चना अस्पताल के फीजिशियन डॉ. चेन्ना रेड्डी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, '26 साल के युवक को 4 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे अस्पताल में भर्ती किया गया. उनकी पिटाई हुई थी. मरीज को पेट में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मरीज ने किसी तरह अस्पताल में दो दिन बिताए. अचानक मरीज ने पेट की दायीं तरफ इलीएक फास में जबरदस्त दर्द की शिकायत की.'
यूनिवर्सिटी की डॉक्टर का पक्ष
हैदराबाद यूनिवर्सिटी की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनुपमा राव और वाइस चांसलर आर.पी. शर्मा सर्जरी के एक दिन बार 8 अगस्त को सुशील से अस्पताल में मिलने गए थे. डॉ. राव ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'सुशील कुमार की मेडिकल रिपोर्ट्स देखने के बाद, मैं इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी कि पिटाई की वजह से उसे एपेन्डिसाइटिस हुआ है. उसके बायें कंधे पर एक खरोंच थी. मैं नहीं कह सकती कि उसे मुक्का मारा गया या पीटा गया. मैंने उसकी जांच नहीं की थी क्योंकि वो मेरे पास नहीं आया था और अस्पताल की रिपोर्ट में ये नहीं लिखा है कि उसे बाहरी या अंदरूनी चोट है.'
डॉ. राव ने बताया कि उन्होंने सुशील कुमार से पहला सवाल यही किया था कि अगर पिटाई के बाद पेट में दर्द था तो वो 24 घंटे चलने वाले यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर क्यों नहीं गए. जवाब में सुशील का कहना था कि ASA के छात्रों ने उसे हेल्थ सेंटर में जाने से रोक दिया, जिसके बाद उसने कैंपस के बाहर जाकर अपने भाई को फोन करके बुलाया था, जो उसे अस्पताल लेकर गया.
झड़प के बाद यूनिवर्सिटी ने किया निलंबित
पिछले साल अगस्त में इन पांचों छात्रों को ABVP के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर ABVP के हमले के बाद शुरू हुआ. ASA ने ABVP के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैम्पस में प्रदर्शन किया था. इसके बाद इन छात्रों को हॉस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया था.
केंद्रीय मंत्री भी शामिल
इस मामले में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का नाम सामने आ रहा है. जानकारी के मुताबिक उन्होंने 17 अगस्त 2015 में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी अंबेडकर स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान ABVP के अध्यक्ष सुशील कुमार के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की घटना के बाद लिखी गई थी. मानव संसाधन मंत्रालय ने बंडारू दत्तात्रेय के खत के बाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को चार चिट्ठियां लिखी थीं और दलित छात्रों पर कार्रवाई की मांग की थी.