
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश ठाकुर ने कहा है कि दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के मन में देश के खिलाफ लंबे समय से जहर भरा जा रहा है और उनका संगठन इस प्रवृत्ति के खिलाफ संघर्ष करता रहेगा.
इंदौर में जातिगत आरक्षण व्यवस्था पर ठाकुर ने कहा कि समाज में पूरी तरह समरसता आ जाने तक जातिगत आरक्षण चलती रहनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम मौजूदा जातिगत आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करते हैं, क्योंकि समाज के कुछ तबके कुछ कुरीतियों के कारण आज भी अन्य वर्गों से पीछे हैं.’ उन्होंने कहा कि देश में जातिगत आरक्षण व्यवस्था तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक समाज में पूरी तरह समरसता स्थापित नहीं हो जाती.
बोले-आर्थिक सुधारों को बढ़ावा मिलेगा
ठाकुर ने नोटबंदी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने से आम लोगों को बैंकों की कतार में खड़े रहने से थोड़ी दिक्कत जरूर हो रही है, लेकिन यह कदम देश के हित में है. इससे आर्थिक सुधारों को बढ़ावा मिलेगा.
ठाकुर ने यह भी बताया कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इंदौर में एबीवीपी के 62वें राष्ट्रीय अधिवेशन का 24 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे. चार दिवसीय अधिवेशन में नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित मसौदे, कैशलेस समाज, इस्लामिक बैंकिंग, शिक्षा का भारतीयकरण समेत 18 विषयों पर चर्चा होगी. इसमें करीब 10,000 छात्रों, शिक्षकों और शिक्षाविदों के हिस्सा लेने की उम्मीद है.