Advertisement

जम्मू-कश्मीर पर बड़ा फैसला लेने के मूड में मोदी सरकार, गवर्नर रूल पर भी हो सकता है फैसला

जम्मू-कश्मीर में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो केंद्र घाटी में शांति बहाली के लिए राज्यपाल शासन लगाने का फैसला ले सकता है.

राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर से राज्यपाल से मिले राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर से राज्यपाल से मिले
अमित कुमार दुबे/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:35 AM IST

जम्मू-कश्मीर में हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो केंद्र घाटी में शांति बहाली के लिए राज्यपाल शासन लगाने का फैसला ले सकता है.

दरअसल केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के हालात सुधारने के लिए जिम्मेदारी राज्य की पीडीपी-बीजेपी सरकार को सौंपी थी. लेकिन सूत्रों के अनुसार केंद्र अब ज्यादा इंतजार नहीं करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर में हैं. सूत्रों के अनुसार केंद्र राजनाथ सिंह के दिल्ली आने के बाद ही केंद्र सरकार कड़ा फैसला करने की तैयारी में है.

Advertisement

महीने के अंत तक जम्मू कश्मीर में चल रही अशांति को पचास दिन से ऊपर हो जाएंगे. कानून व्यवस्था राज्य का मुद्दा है और राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से कई कदम उठाए हैं जिन पर केंद्र सरकार लगातार इन कदमों पर नजर रखे हुए हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा इस मायने में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान राज्य सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जा सकती है. समीक्षा के आधार पर ही केंद्र सरकार अपनी आगे की रणनीति बनायेगा.

माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी ओर से ऐसे 60 लोगों की सूची तैयार की है जो राज्य में अशांति फैलाने और बच्चों-युवाओं को भड़काने में लगे हुए हैं. केंद्र सरकार चाहती हैं कि राज्य सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. केंद्र सरकार का मानना है कि इन 60 लोगों पर कार्रवाई के बाद हालात पर काबू में पाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.

Advertisement

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्र के सामने ये भी विकल्प हैं, इनमें एक विकल्प वहाँ पर राज्यपाल शासन लगाना भी हो सकता है. राज्यपाल को बदलना भी एक विकल्प है जिस पर विचार किया जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों का आकलन है कि दक्षिणी कश्मीर में जिन राजनीतिक दलों का जनाधार है उनके वहां हस्तक्षेप करने से हालात काबू में आ सकते हैं. ऐसे में इन दलों से ये अपेक्षा की जा रही है कि वो अपनी ओर से पहल करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्य के विपक्षी दलों के नेताओं की मुलाकात को इस दिशा में काफी सकारात्मक पहल माना जा रहा है.

केंद्र सरकार की दुविधा ये हैं कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी की पीडीपी साथ गठबंधन की सरकार हैं जिस वजह से हालात बिगड़ने के बाद भी अभी तक केंद्र सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए हैं. लेकिन अब सवाल राज्य सरकार की कानून वयवस्था पर नहीं बल्कि मोदी सरकार की कश्मीर को जो भी नीतियां उन पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है. घाटी में हिंसा को लेकर पिछले दिनों पीएम मोदी की अगुवाई में एक सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें शांति बहाली को लेकर कश्मीर के लोगों के साथ-साथ सभी दलों से बातचीत की पहल की गई थी. इसी कड़ी में राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं और वहां तमाम बुद्धिजीवियों के साथ-साथ राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement