Advertisement

हैदराबाद ब्लास्ट के सभी आरोपी बरी, कलीम ने बीवी से कहा था- अब दूसरी शादी कर लो

कलीम पिछले 12 साल तक जेल में बंद रहा. उसका पारिवारिक जीवन खत्म हो चुका है. कठिन हालातों को देखते हुए कलीम ने एक बार अपनी पत्नी से दूसरी शादी करने तक के लिए कह दिया था.

आत्मघाती हमले के सभी आरोपी बरी आत्मघाती हमले के सभी आरोपी बरी
राहुल सिंह
  • हैदराबाद,
  • 11 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST

साल 2005 में हैदराबाद में हुए आत्मघाती विस्फोट मामले में हैदराबाद की महानगर सत्र अदालत ने सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है. सबूतों के अभाव में अदालत ने आरोपियों को दोषी नहीं माना. इनमें से एक आरोपी कलीम पिछले 12 साल तक जेल में बंद रहा. उसका पारिवारिक जीवन खत्म हो चुका है. कठिन हालातों को देखते हुए कलीम ने एक बार अपनी पत्नी से दूसरी शादी करने तक के लिए कह दिया था.

Advertisement

12 अक्टूबर, 2005 को हुआ था सुसाइड ब्लास्ट

हैदराबाद के बेगमपेट इलाके में 12 अक्टूबर, 2005 को कार्यबल कार्यालय में एक बांग्लादेशी आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में एक होमगार्ड की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था.

एसआईटी कर रही थी केस की जांच

केस की जांच कर रही एसआईटी ने दावा किया कि इस हमले के पीछे बांग्लादेशी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) का हाथ था. आत्मघाती हमलावर की पहचान हूजी के सदस्य दालिन के रूप में की गई थी.

10 लोगों को किया था गिरफ्तार

एसआईटी ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था. एसआईटी ने यह भी बताया कि हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद अब्दुल शाहिद उर्फ बिलाल पाकिस्तान में मारा गया.

अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया

Advertisement

वहीं एक आरोपी गुलाम यजदानी दिल्ली में मारा गया. बचाव पक्ष के वकील अब्दुल अजीम ने बताया कि अभियोजन पक्ष सबूत पेश करने में असफल रहा. लिहाजा अदालत ने सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था.

कलीम की दर्दनाक दास्तां

इन सबसे इतर इस केस का एक अलग पहलू भी है. दरअसल पकड़े गए एक आरोपी कलीम की दास्तां बेहद दर्दनाक है. 12 साल से वह जेल में बंद था. उसका पारिवारिक जीवन मानो खत्म हो चुका है. कलीम ने लव मैरिज की थी. शादी के दो महीने बाद ही पुलिस ने बम ब्लास्ट के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया था.

23 साल की उम्र में किया था अरेस्ट

तब उसकी उम्र महज 23 साल थी. वह पेशे से वेल्डर था. कलीम पर बांग्लादेश में हूजी के अन्य सदस्यों के साथ ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप था. इस दौरान कलीम को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं. वहीं केस के एक अन्य आरोपी जाहेद के माता-पिता के लिए भी यह 12 साल किसी यातना से कम नहीं रहे.

भाई की वजह से जाहेद को पकड़ा था

इन 12 साल में वह बहुत कम बार अपने बेटे से मिल पाए. जाहेद को जिस समय पकड़ा गया था तब उसकी उम्र 22 साल थी. जाहेद के एक रिश्तेदार ने बताया कि उसे सिर्फ उसके भाई शाहिद बिलाल की वजह से पकड़ा गया था. शाहिद बिलाल कभी हूजी का मोस्ट वांटेड आरोपी था. बिलाल की मौत हो चुकी है.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement