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दूसरी शादी का विरोध किया तो पत्नी पर फेंका तेजाब

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के कुल्हेड़ी गांव में पत्नी के दूसरी शादी का विरोध करने पर पति ने उस पर तेजाब फेंक दिया. पुलिस ने पीड़िता के पति और उसके ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं. उनकी तलाश की जारी है. पीड़िता अस्पताल में भर्ती है.

पीड़िता अस्पताल में भर्ती है पीड़िता अस्पताल में भर्ती है
मुकेश कुमार/BHASHA
  • मुजफ्फरनगर ,
  • 24 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के कुल्हेड़ी गांव में पत्नी के दूसरी शादी का विरोध करने पर पति ने उस पर तेजाब फेंक दिया. पुलिस ने पीड़िता के पति और उसके ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं. उनकी तलाश की जारी है. पीड़िता अस्पताल में भर्ती है.

थाना प्रभारी शोएब खान ने बताया कि पीड़ित के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक उसकी बेटी को पति रहीम और उसके ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित किया करते थे. रहीम ने बाद में दूसरी शादी कर ली. इसका जब उसकी बेटी ने विरोध किया तो तेजाब फेंक दिया.

बताते चलें कि भारत में हर साल करीब 500 लोगों पर एसिड अटैक होता है, वहीं दुनियाभर में यह आंकड़ा 1500 है. इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. प्यार में असफलता, छेड़खानी, दहेज और जमीन विवाद में ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती है. जो आज भी बदस्तूर जारी हैं.
 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो यूपी, एमपी और दिल्ली में ऐसी घटनाओं का ग्राफ सबसे उपर है. साल 2014 में केवल यूपी में ही एसिड अटैक के 185 केस दर्ज किए गए है. भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं बहुतयात होती है.

देश में बढ़ती इन घटनाओं को देखते हुए सन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्‍य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही यह निर्देशित किया था कि एसिड अटैक से पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकार की होगी.
 
केद्र सरकार ने भी एसिड अटैक को जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है. ऐसे केस में आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जा सकती है. ऐसे वारदातों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है.
 
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब तेजाब की बिक्री वेब एप्लीकेशन के जरिए करने की व्यवस्था बनाई गई है. वेब एप्लीकेशन पर होलसेलर और रिटेलर के रजिस्ट्रेशन, डीएम द्वारा लाइसेंस जारी करने, आईडी दिखाने के बाद ही किसी व्यक्ति को तेजाब की बिक्री करने देने जैसी व्यवस्था है.
 
ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- पीड़ित को कम से कम 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश.
- मुआवजे के एक लाख की रकम 15 दिनों के अंदर देना होगा.
- बाकी के दो लाख रुपए दो महीने के अंदर ही देना होगा.
- राज्यों के मुख्य सचिवों को सीधे तौर पर इन आदेशों के पालन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया.
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा.
- तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए विक्रेताओं को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा.
- बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और वजह के एसिड नहीं दिया जाएगा.
- मेडिकल और शिक्षा के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा.
- एसडीएम एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी करेंगे.
- तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का अगर पालन नहीं होगा, तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा.
- तेजाब को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन भी देने का आदेश है.

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