
यूपी में महिला सुरक्षा का दावा करने वाली योगी सरकार ने भले ही एंटी रोमियों स्क्वॉयड बना लिया हो, लेकिन हकीकत जुदा है. सूबे में रेप और छेड़खानी जैसी वारदात रोज होती है, लेकिन देवरिया में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक लड़की से छेड़खानी के बाद मनचलों ने उस पर तेजाब फेंक दिया. वो भी एसपी आवास के पास. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. वारदात के बाद से आरोपी फरार हैं.
जानकारी के मुताबिक, देवरिया जिले में एसपी आवास के पास तीन युवकों ने एक युवती पर तेज़ाब फेक दिया. इसी लड़की के साथ कुछ दिन पहले छेड़खानी की वारदात हुई थी. आरोपी लड़के युवती के गांव के ही रहने वाले हैं. युवती एक ब्यूटी पार्लर में ब्यूटीशियन का कोर्स करने जाती थी. वारदात के बाद युवती को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सूचना मिलते ही एसपी और सीओ जिला अस्पताल पहुंचे हैं.
बताते चलें कि देवरिया में मनचलों के लिए तेजाब एक हथियार बनता जा रहा था. इससे वे भोली भाली छात्राओं को डरा धमाकर जबरन अपना मकसद पूरा करने की कोशिश करते हैं. बीते महीने दो मनचलों ने स्कूल जा रही दो छात्राओं पर तेजाब से हमला कर दिया था. तेजाब के हमले में झुलसी दोनों छात्राओं की हालत गंभीर हो गई थी. हालांकि, उनको समय रहते अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, जिससे जान बच गई.
एसिड अटैक की घटनाएं
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो यूपी, एमपी और दिल्ली में एसिड अटैक की घटनाओं का ग्राफ सबसे उपर है. साल 2014 में केवल यूपी में ही एसिड अटैक के 185 केस दर्ज किए गए है. भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं बहुतयात होती है.
कोर्ट ने लगाई थी फटकार
देश में बढ़ती इन घटनाओं को देखते हुए सन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही यह निर्देशित किया था कि एसिड अटैक से पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. केद्र सरकार ने भी एसिड अटैक को जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है.
उम्रकैद या मौत की सजा
ऐसे केस में उम्रकैद या मौत की सजा दी जा सकती है. ऐसे वारदातों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है. तेजाब की बिक्री वेब एप्लीकेशन के जरिए करने की व्यवस्था बनाई गई है. वेब एप्लीकेशन पर रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, आईडी दिखाने के बाद ही तेजाब की बिक्री की व्यवस्था है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- पीड़ित को कम से कम 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश.
- मुआवजे के एक लाख की रकम 15 दिनों के अंदर देना होगा.
- बाकी के दो लाख रुपये दो महीने के अंदर ही देना होगा.
- राज्यों के मुख्य सचिवों को सीधे तौर पर इन आदेशों के पालन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया.
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा.
- तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए विक्रेताओं को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा.
- बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और वजह के एसिड नहीं दिया जाएगा.
- मेडिकल और शिक्षा के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा.
- एसडीएम एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी करेंगे.