
दिल्ली के संगम विहार में एक लड़की पर एसिड अटैक का सनसनसीखेज मामला सामने आया है. आरोपी ने पीड़िता को जबरन एसिड भी पिलाया. गंभीर हालत में पीड़िता को एम्स में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने केस दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. शुरूआती जांच में एकतरफा प्यार का मामला सामने आ रहा है. आगे की जांच जारी है.
जानकारी के मुताबिक, साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में 18 साल की एक लड़की के साथ एक हैवान ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी. वह लड़की से एक तरफा प्यार करता था. जब लड़की ने प्यार से इंकार कर दिया, तो उसने उसपर तेजाब से हमला कर दिया. लड़की को पकड़कर जबरदस्ती तेजाब पिला दिया. लड़की की हालत गंभीर है.
युवती पर तेजाब से हमला
उधर, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के थाना कोतवाली के कैला भट्टा में घर में सो रही युवती पर सोमवार की आधी रात अज्ञात युवक ने तेजाब फेंक दिया. बुरी तरह झुलसी युवती को दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया. कुछ दिनों बाद युवती की शादी होने वाली थी. यहां भी एक तरफा प्यार का मामला बताया जा रहा है.
युवती की हालत गंभीर
पुलिस के मुताबिक, कैला भट्टा में रहने वाली युवती अपने घर में सोमवार आधी रात सो रही थी, तभी अज्ञात युवक घर में घुस गया और सो रही गुलिस्तां पर तेजाब फेंक दिया. हमले के बाद युवती की चीख-पुकार सुनकर घर के अन्य सदस्य उसके पास आए. उन्होंने गुलिस्तां को बुरी तरह झुलसी हुई पाया. पुलिस केस दर्ज करके जांच कर रही है.
एसिड अटैक की घटनाएं
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो यूपी, एमपी और दिल्ली में एसिड अटैक की घटनाओं का ग्राफ सबसे उपर है. साल 2014 में केवल यूपी में ही एसिड अटैक के 185 केस दर्ज किए गए है. भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं बहुतयात होती है.
कोर्ट ने लगाई फटकार
देश में बढ़ती इन घटनाओं को देखते हुए सन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही यह निर्देशित किया था कि एसिड अटैक से पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. केद्र सरकार ने भी एसिड अटैक को जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है.
उम्रकैद या मौत की सजा
ऐसे केस में उम्रकैद या मौत की सजा दी जा सकती है. ऐसे वारदातों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है. तेजाब की बिक्री वेब एप्लीकेशन के जरिए करने की व्यवस्था बनाई गई है. वेब एप्लीकेशन पर रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, आईडी दिखाने के बाद ही तेजाब की बिक्री की व्यवस्था है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- पीड़ित को कम से कम 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश.
- मुआवजे के एक लाख की रकम 15 दिनों के अंदर देना होगा.
- बाकी के दो लाख रुपए दो महीने के अंदर ही देना होगा.
- राज्यों के मुख्य सचिवों को सीधे तौर पर इन आदेशों के पालन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया.
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा.
- तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए विक्रेताओं को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा.
- बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और वजह के एसिड नहीं दिया जाएगा.
- मेडिकल और शिक्षा के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा.
- एसडीएम एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी करेंगे.
- तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का अगर पालन नहीं होगा, तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा.
- तेजाब को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन भी देने का आदेश है.