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हर तरह की फिल्‍म में एक्टिंग करना पसंद: कोंकणा

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा को लगता है कि केवल हिंदी सिनेमा में अभिनय करना ही सब कुछ नहीं है. यही वजह है कि वे अंग्रेज़ी और बंगाली फिल्मों में भी काम करना जारी रखना चाहती हैं.

कोंकणा सेन शर्मा कोंकणा सेन शर्मा
भाषा
  • मुंबई,
  • 18 अप्रैल 2013,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा को लगता है कि केवल हिंदी सिनेमा में अभिनय करना ही सब कुछ नहीं है. यही वजह है कि वे अंग्रेज़ी और बंगाली फिल्मों में भी काम करना जारी रखना चाहती हैं.

कोंकणा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं तीनों भाषाओं में काम करना जारी रखूंगी. मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मैं बहुभाषी हूं. मुझे लगता है कि हिंदी फिल्में सब कुछ नहीं हैं, लेकिन वे भारतीय फिल्मों का बड़ा हिस्सा हैं. मैं बंगाली में फिल्म करके बहुत खुश हूं, क्योंकि मैं इस भाषा को जानती और इससे प्यार करती हूं.’

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कोंकणा ने 2000 में बंगाली फिल्म ‘एक जे आछे कन्या’ से अभिनय में अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने नकारात्मक भूमिका निभाई थी. अपर्णा सेन के निर्देशन में बनी अंग्रेज़ी भाषा की फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेज़ अय्यर’ में दमदार अभिनय के लिए कोंकणा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. इसके बाद उन्होंने दो अन्य अंग्रेज़ी फिल्मों ‘चाय पानी एट्सेक्ट्रा’ और ‘अमु’ में काम किया.

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म ‘पेज 3’ से 2005 में हिंदी फिल्मों में कदम रखने वाली कोंकणा ने कहा कि उन्हें हर तरह की फिल्मों में काम करना पसंद है.

अभिनेत्री ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मुझे केवल यथार्थवादी फिल्में ही पसंद हैं. मुझे सभी तरह की फिल्में पसंद हैं. मैं ऐसी फिल्म का हिस्सा होना पसंद करूंगी जिसकी कहानी और किरदार अच्छे हों. मैं उन फिल्मों को चुनती हूं जो मुझे अपील करती हैं.’

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कोंकणा ने ‘ओमकारा’, ‘लाइफ इन ए मेट्रो’, ‘वेक अप सिड’, ‘सात खून माफ’ जैसी कई हिंदी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया है. वे लगभग दो साल बाद ‘एक थी डायन’ से वापसी कर रही हैं. इस फिल्म का निर्माण विशाल भारद्वाज और एकता कपूर ने किया है. यह फिल्म 19 अप्रैल को रिलीज़ होगी.

फिल्म में उनके अलावा इमरान हाशमी, हुमा कुरैशी और कल्कि कोचलिन की अहम भूमिकाएं हैं. कोंकणा ने इस फिल्म के बारे में कहा, ‘यह फिल्म मेरे पिता मुकुल शर्मा द्वारा 1975 में लिखी गई एक लघुकथा पर आधारित है. यह तीन पन्नों की कहानी है. अपने पिता की लिखी फिल्म में काम करना मेरे लिए विशेष और शानदार अनुभव है. उन्होंने विशाल के साथ इसका स्क्रीनप्ले विकसित किया है.’

अभिनेता रणवीर शौरी के साथ 2010 में विवाह बंधन में बंधने वाली कोंकणा कुछ समय तक फिल्मों से दूर रहीं. उन्होंने कहा, ‘मेरा एक बच्चा है और मेरा काफी समय उसकी देखभाल में लग जाता है. मैंने पिछले साल फिर से काम करना शुरू कर दिया था. मैंने तीन बंगाली और दो हिंदी फिल्मों में काम किया जिनका रिलीज होना अभी बाकी है.’

कोंकणा ने कहा, ‘मां बनने के बाद मेरे लिए चीज़ों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. मुझे लगता है कि मैं काफी हद तक पहले की ही तरह हूं लेकिन अब मुझमें ज्यादा धैर्य है.’

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उन्होंने कहा, ‘बच्चे के साथ कार्यक्षेत्र में संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण है. मैंने कामकाज़ी माताओं की और कदर करना सीख लिया है. लाखों महिलाएं मां होने के साथ साथ काम कर रही हैं. मेरी नौकरानी भी ऐसी ही मां है जिसके पास मेरी तरह संसाधन भी नहीं हैं.’

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