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हिंदी सिनेमा में अपनी बेहतरीन अभिनय क्षमता की बदौलत धाक जमाने वाले गुजरे जमाने के अभिनेता प्राण को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने जा रहा है.
प्राण ने करीब 350 फिल्मों में काम किया है. उन्हें 93 साल की उम्र में दादा साहब फाल्के सम्मान मिलने जा रहा है. प्राण ने विलेन के अलावा चरित्र अभिनेता के रूप में भी खूब नाम कमाया.
प्राण साल 1998 में ही फिल्मों से रिटायर हो चुके हैं. प्राण को साल 2001 में 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया जा चुका है. 'उपकार' और 'जंजीर' जैसी दर्जनों सुपरहिट फिल्मों में प्राण के अभिनय को खूब सराहा गया.
प्राण फिल्मों में डालते रहे जान...
बालीवुड में छह दशक तक सक्रिय रहने वाले प्राण ने करीब 400 फिल्मों में काम किया. उन्होंने नायक, खलनायक से लेकर चरित्र अभिनेता तक का किरदार निभाया.
बालीवुड में एक समय 'मधुमती', 'जिद्दी' और 'राम और श्याम' जैसी फिल्मों में खलनायक का जोरदार किरदार निभाने की वजह से वे पर्दे पर घृणा के पात्र के प्रतीक बन गए. वे एक समय जहां खलनायक के किरदार का प्रतीक माने जाने लगे, वहीं उन्होंने चरित्र अभिनेता के रूप में भी अपनी जबर्दस्त छाप छोड़ी. फिल्म 'उपकार' में उनके मंगल चाचा के किरदार ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसी तरह 'जंजीर' कठोर लेकिन दयालु पठान के रूप आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं.
प्राण की प्रमुख फिल्मों में 'छलिया', 'जिस देश में गंगा बहती है', 'कश्मीर की कली', 'दो बदन', 'जानी मेरा नाम', 'गुड्डी', 'परिचय', 'विक्टोरिया नंबर 203', 'बाबी', 'अमर अकबर एंथनी', 'डान', 'शराबी' आदि शामिल हैं.
प्राण को सम्मान दिए जाने पर गायिका लता मंगेशकर ने कहा कि उन्हें दादा साहब फाल्के पहले ही मिल जाना चाहिए था. हालांकि लता ने कहा कि उन्होंने प्राण की कोई फिल्म नहीं देखी है.
गौरतलब है कि भारत में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड सिनेमा जगत का सबसे बड़ा सम्मान है. वैसे इस सम्मान के तहत स्वर्ण कमल, एक शॉल तथा नकद राशि दी जाती है.