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स्मार्टफोन की लत ड्रग्स जैसी, बच्चों को बना सकती है मंदबुद्ध‍ि

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 12-15 साल के 10 में से 4 बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को Smartphone और Tablet जैसी बिग स्क्रीन के नियमित इस्तेमाल करने से रोकना उनके लिए मुश्किल हो गया है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

अगर आप अपने बच्चे के जिद करने पर उसे बड़ी आसानी से अपना स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं, तो जरा सावधान हो जाएं. क्योंकि बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन पकड़ाना कोकेन जैसी नशीली और जहरीली चीज पकड़ाने के बराबर है.

एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन की लत में फंसे बच्चे, जहां माता-पिता के साथ कम समय बिता रहे हैं, वहीं Technology उनके मानसिक विकास और दिमाग को कमजोर भी कर रही है. स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा खत्म होने लगती है और उनमें फैसले लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है.  

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अध्ययन के दौरान पाया गया कि तकनीक के इस्तेमाल और फिजिकल एक्ट‍िविटी में तालमेल न होने के कारण बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है.

पाया गया है घंटों स्मार्टफोन पर समय बिताना युवाअों के बीच Pornographic Images भेजने-देखना, Online गलत काम करने से पेरेंट्स की चिंता का कारण बनता जा रहा है. हाल ही में हर्ले स्ट्रीट क्ल‍िनिक द्वारा कराए गए एक सर्वे में 1,500 से अधिक श‍िक्षकों में से लगभग दो-तिहाई टीचर्स ने कहा है कि वे अश्लील फोटो भेजने और देखने वाले स्टूडेंट्स से वाकिफ हैं, जिनमें प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी शामिल हैं.

अश्लील वीडियाे के मामले में पिछले तीन साल के दौरान 2,000 से अधिक श‍िकायत दर्ज कराए गए.

सर्वे में खुलासा किया गया है कि अध‍िकांश युवा लड़कियां मोबाइल फोन से किसी को Nude Photo भेजना सामान्य मानती हैं. अगर यही फोटो उनके पेरेंट्स देख लें तो यह 'गलत' हो जाता है. Broadcasting regulators के मुताबिक, तीन से चार साल के बच्चे हर हफ्ते Internet का छह घंटे इस्तेमाल करते हैं.


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