
यूपी विधानसभा चुनाव का बिगुल किसी भी समय फूंका जा सकता है. चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी सत्ता में रहेगी या नहीं, ये तय नहीं है, लेकिन शिवपाल यादव ने अपने पुत्र आदित्य यादव का सत्ता सुख अगले पांच साल के लिए तय कर दिया है. शिवपाल ने आदित्य यादव की पांच साल के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी संघ के चेयरमैन पद पर ताजपोशी करवा दी है. यानी चुनाव के बाद सपा भले ही सत्ता में रहे अथवा न रहे, अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहें अथवा न रहें लेकिन शिवपाल के पुत्र आदित्य यादव राज्य की इस ताकतवर पोस्ट पर काबिज रहेंगे.
पार्टी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक आदित्य अपने पिता शिवपाल के निर्वाचन क्षेत्र जसवंत नगर विधानसभा सीट का कामकाज देखते हैं. वे यूपी राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष पद से 2018 में रिटायर होने वाले थे. अगर आगामी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी सत्ता में वापसी करने में नाकाम रही तो आदित्य की प्रोटोकॉल के हिसाब से कैबिनेट मंत्री के बराबर माने जाने वाले इस पद पर दोबारा ताजपोशी संभव नहीं होती. सूत्र बताते हैं कि शिवपाल ने इसी आशंका से डरकर आदित्य से इस पद से समय से पहले इस्तीफा दिलवा दिया और दो दिन बाद आम सहमति से उन्हें इस पद पर आने वाले पांच साल के लिए फिर से चुन लिया. मतलब अगर परिस्थितियां बहुत ही विकट न हुईं, तो आदित्य अब 2021 तक इस पद पर बने रहेंगे, भले ही अगले कुछ हफ्तों में होने वाले विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी सत्ता में वापसी करे अथवा न करे.
कांग्रस ने बताया- डर्टी गेम
शिवपाल के इस कदम को उनका राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि वे समाजवादी पार्टी में अपने बेटे को अखिलेश के बरअक्स खड़ा करने में जुटे हैं. शिवपाल ने इस कदम के जरिए ये सुनिश्चित कर लिया है कि अखिलेश भले ही अगले पांच साल यूपी के मुख्यमंत्री न रहें लेकिन आदित्य राज्य के इस ताकतवर पद पर काबिज रहेंगे. आदित्य इफको और इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस के बोर्ड में भी डायरेक्टर हैं. इस बीच कांग्रेस ने शिवपाल के इस कदम को डर्टी गेम बताया है. शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहम्मद शरीफ ने कहा कि शिवपाल ने साबित कर दिया है कि यादव परिवार सत्ता में रहने के लिए गवर्नेंस के सभी नियम तोड़ सकता है.
बीजेपी ने भी किया विरोध
बीजेपी नेता राज कुमार चाहर ने कहा कि शिवपाल का ये कदम गैरकानूनी है और जब 2017 में बीजेपी सत्ता में आएगी तो वो इस मामले में कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार में अपने हित साधने के लिए हर कदम उठा रही है लेकिन उसका कोई भी कदम चुनाव में उसकी हार नहीं टाल सकता. उन्होंने कहा कि ये बहुत शर्मनाक है कि लोकतंत्र में यादव परिवार राजाओं की तरह व्यवहार कर रहा है और महत्वपूर्ण पदों पर अपने परिवार के लोगों की नियुक्ति कर रहा है. उन्होंने कहा कि 2017 में यादव परिवार से सत्ता छिन जाएगी और ये जनता के लिए बड़ी राहत साबित होगी.