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अमेरिका ने अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रांत में चीन और ताजिकिस्तान की सीमा पर मंगलवार को तालिबान पर हवाई हमले किए. अमेरिका ने यह हमला क्षेत्र से तालिबान का प्रभाव कम करने के लिए किया है.
यह जानकारी अमेरिकी सैन्य विभाग ने मंगलवार को बयान जारी कर दी. एफे न्यूज के अनुसार इससे पहले अमेरिका के हवाई हमले देश में आतंकवादियों के कब्जे बाले दक्षिणी और पूर्वी भागों तक सीमित थे.
अमेरिकी सेना-अफगानिस्तान (यूएसएफओआर-ए) के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने बयान जारी करते हुए कहा, "इस देश में नुकसान और तबाही लाने वाले किसी आतंकवादी संगठन को कोई सुरक्षित जगह नहीं मिलेगी." उन्होंने कहा कि तालिबान को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.
रपट के अनुसार अमेरिका ने पिछले 96 घंटों में चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तालिबान के प्रशिक्षण केंद्रों और हमला करने वाले केंद्रों पर 24 हमले किए. यूएसएफओआर-ए ने दावा किया कि हमले में अफगानिस्तानी सेना के चोरी हुए वाहन भी नष्ट हो गए जिसका उपयोग बम विस्फोट के लिए होना था.
अमेरिकी सेना इससे पहले दक्षिण में स्थित तालिबान के लगभग पूर्ण कब्जे वाले हेलमंड, इस्लामिक स्टेट के गढ़ पूर्वी प्रांत नांगरहार और उत्तर में स्थित कुंदुज़ में सक्रिय थी. बयान के अनुसार हेलमंड में तालिबान के मादक पदार्थो के व्यापार पर हमलों से उसे नवंबर से अब तक तीन करोड़ डॉलर का नुकसान हो चुका है.
अमेरिका ने हाल ही में तालिबान द्वारा काबुल में इंटरकांटिनेंटल होटल पर हमला और विस्फोटकों से भरी एक एंबुलेंस उड़ाने की भी निंदा की. इस हमले में 120 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे. बयान के अनुसार, "तालिबान युद्ध क्षेत्र में नहीं जीत सकता, इसलिए निर्दोष नागरिकों नुकसान पहुंचा रहा है. नाटो द्वारा साल 2015 में अफगानिस्तान में भीषण युद्ध खत्म करने के बाद यह देश सबसे नाजुक दौरों में से एक से गुजर रहा है.