
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महासमुंद की तर्ज पर ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी लखनलाल साहू के नाम वाले और चार उम्मीदवार मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. ‘लखन साहू’ नाम के चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन फॉर्म खरीदा है. इनमें से दो ने नामांकन कर भी दिया है. महासमुंद लोकसभा सीट से इस बार ‘चंदू’ नाम के 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें बीजेपी के चंदूलाल साहू और 10 निर्दलीय चंदू शामिल हैं. इसके चलते हर तरफ इन नामों की चर्चा है.
बीजेपी नेता इसके पीछे वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का हाथ बता रहे हैं. उनके मुताबिक, जोगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार को लेकर भ्रम पैदा करने के लिए चंदू नाम के 10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. इस मामले में जोगी हालांकि सफाई दे चुके हैं.
इधर, बिलासपुर में बीजेपी प्रत्याशी के अलावा चार और लखनलाल साहू चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. नामांकन के छठे दिन जिन सात लोगों ने फार्म खरीदा, उनमें चार लखनलाल साहू थे.
ये हमनाम हैं:
लखनलाल साहू पिता नंदराम साहू
लखनलाल साहू पिता स्वर्गीय संतराम
लखनलाल साहू पिता मेहतर साहू
और लखनलाल साहू पिता मंजूराम साहू
इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा खरीदा है. इनमें से दो ने पर्चा जमा भी कर दिया है. इनके अलावा महेंद्र प्रसाद वर्मा ने जनता दल से, तो रामेश्वर केवट और राकेश डहरिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फॉर्म खरीदा है.
बीजेपी प्रत्याशी लखनलाल साहू ने कहा, ‘मेरे नाम के चार और निर्दलीय उम्मीदवारों को खड़ा करने के पीछे किसका हाथ है यह मुझे कहने की जरूरत नहीं है. महासमुंद के वाकये के बाद सभी को पता है कि ये सब कौन करा रहा है, लेकिन इसका असर चुनाव परिणाम पर नहीं पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘लोकसभा राष्ट्रीय स्तर का चुनाव होता है. इसमें प्रत्याशी से ज्यादा पार्टी प्रभावशाली होती है. चाहे कोई कितना भी राजनीतिक हथकंडा अपनाए, साजिश रचे, इसकी चिंता मुझे या पार्टी को नहीं है. इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’