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बिहार के प्रयोग के सफल होने के बाद अब यूपी में भी 'महागठबंधन' बनाने की तैयारी

बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली 'महाजीत' के बाद देश में नए राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी अपनी सत्ता बरकरार रखने का सपना देख रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी महागठबंधन की तैयारी शुरू कर दी है.

यूपी में भी महागठबंधन की सुगबुगाहट यूपी में भी महागठबंधन की सुगबुगाहट
संदीप कुमार सिंह
  • लखनऊ,
  • 14 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली 'महाजीत' के बाद देश में नए राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी अपनी सत्ता बरकरार रखने का सपना देख रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी महागठबंधन की तैयारी शुरू कर दी है.

सूत्र बताते हैं कि अगले महीने तक कई दल गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं. सपा ने राज्य में समाजवादी विचारधारा की पार्टियों को एकजुट करना शुरू कर दिया है. कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने इसके संकेत भी दिए हैं.

बिहार चुनाव के नतीजों से सपा को यह संदेश भी मिल गया है कि उसकी भाजपा से किसी भी तरह की नजदीकी पार्टी के लिए घातक है. इसलिए सपा ऐसे दलों को अपने गठबंधन में जोड़ने की तैयारी कर रही है जिससे मोदी और भाजपा से लड़ने का संदेश जनता के बीच जाए. साथ ही अखिलेश राज में किए गए विकास कार्यो को भी सपा भुनाएगी.

सपा सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल का कहना है कि उप्र में भी बिहार की तर्ज पर महागठबंधन का प्रयोग किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'विधानसभा चुनाव-2017 के लिए हम समाजवादी विचारधारा वाली सभी धर्मनिर्पेक्ष दलों को अपने साथ जोड़कर 'समाजवादी परिवार' बनाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'हम बिहार में सिर्फ 50 सीटों पर चुनाव लड़े थे. हमें तैयारी के लिए समय भी कम मिला, लेकिन फिर भी वोट मिले.'

बिहार में कांग्रेस महागठबंधन के सहारे 4 से 27 सीटों तक पहुंच गई. इससे साफ है कि उप्र में भी उसकी गाड़ी बिना सहयोगी के आगे नहीं बढ़ सकती. इसके लिए कांग्रेस को जल्द से जल्द अपनी सियासी लाइन साफ करनी होगी. अभी यहां कांग्रेस भ्रम की स्थिति में है.

कांग्रेस की सपा से दोस्ती जगजाहिर है, लेकिन चुनाव करीब आते ही वह उसके खिलाफ सड़कों पर आ जाती है. इसी दोहरी नीति के कारण उसके कार्यकर्ताओं में भी उत्साह नहीं दिखता.

महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस नेता अशोक सिंह का कहना है कि अभी इस पर कुछ भी बोलना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन राजनीति में किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

वहीं, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा, 'कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन पहले से ही चल रहा है. भाजपा से हम किसी भी तरह से नहीं जुड़ेंगे, अन्य दलों से बातचीत चल रही है, घोषणा एक-दो महीने में कर दी जाएगी.'

इनपुट...IANS.

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