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डॉ. कफील के भाई की हालत बिगड़ी, लखनऊ शिफ्ट किए गए

बीआरडी अस्पताल केस से चर्चा में आए गोरखपुर के डॉ. कफील अहमद के छोटे भाई कासिफ जमील की तबीयत मंगलवार को और बिगड़ गई. इसके बाद कासिफ जमील को लखनऊ शिफ्ट किया जा रहा है.

डॉ. कफील के भाई की हालत बिगड़ी डॉ. कफील के भाई की हालत बिगड़ी
आशुतोष कुमार मौर्य/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ/गोरखपुर,
  • 12 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल केस से चर्चा में आए गोरखपुर के डॉ. कफील अहमद के छोटे भाई कासिफ जमील की तबीयत मंगलवार को और बिगड़ गई. इसके बाद कासिफ जमील को लखनऊ ले जाया गया है. लखनऊ में उन्हें KGMU हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है.

कासिफ जमील को शनिवार रविवार की रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी. अब तक उनका गोरखपुर के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था.

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पुलिस का कहना है कि कासिफ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है और इसी कारोबार के सिलसिले में उसका कई लोगों से विवाद चल रहा था. पुलिस ने बताया कि जब कफील के भाई को गोली लगी तो वह खुद ही भागकर अस्पताल पहुंचे. जानकारी के मुताबिक उन्हें दो बाइक सवारों ने अपना निशाना बनाया. उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

बता दें कि इस हमले से पहले ही कफील ने खुद के और परिजनों पर हमले की आशंका जताई थी. उन्होंने इस घटना के बाद फिर से दोहराया है कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है.

गौरतलब है कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का होमटाउन और विधानसभा क्षेत्र भी है. जानकारी के मुताबिक, योगी के आवास से महज 500 मीटर की दूरी पर कासिफ जमील पर यह जानलेवा हमला हुआ. अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है.

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हाल ही में मिली है जमानत

आपको बता दें कि बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों के मरने के बाद डॉ. कफील को दोषी मानकर जेल भेज दिया गया था. उन्हें हाल ही में हाई कोर्ट से जमानत मिली है. इस केस में आरोपी डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था. वह घटना के बाद से फरार चल रहे थे. कफील बीआरडी अस्पताल में वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे.

जेल से लिखा था खत

डॉ. कफील खान ने जेल से ही 10 पन्नों का एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने लिखा था कि बड़े स्तर पर हुई प्रशासनिक नाकामी के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है. 18 अप्रैल को लिखा गया ये खत उनकी पत्नी शबिस्ता ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में जारी किया था.

उन्होंने लिखा था, 'ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे बच्चों को बचाने की मैंने पूरी कोशिश की. मैंने सभी लोगों को फोन किया, मैंने खुद ऑक्सीजन का ऑर्डर किया. मुझसे जो कुछ हो सकता था, मैंने वो सब किया. मैंने एचओडी, बीआरडी के प्रिंसिपल, एक्टिंग प्रिंसिपल, गोरखपुर के डीएम सभी को कॉल किया. सभी को स्थिति की गंभीरता के बारे में बताया.'

कफील के खिलाफ नहीं मिले थे नेग्लिजेंस के सबूत

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गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की कमी के चलते बच्चों की मौत के मामले में करीब 8 महीने से जेल में बंद डॉ. कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डॉ. कफील के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस या भ्रष्टाचार के कोई सबूत नहीं मिले हैं, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है.

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