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एमसीडी चुनाव में हार के बाद इस्तीफों का दौर चालू, दिलीप पांडे ने भी दिया

एमसीडी में महज 48 सीटों पर ही सफलता पाने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे ने इस्तीफा दे दिया है.

आम आदमी पार्टी के पूर्व दिल्ली प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे आम आदमी पार्टी के पूर्व दिल्ली प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

दिल्ली के एमसीडी चुनाव में करारी हार झेलने के बाद आम आदमी पार्टी में जबरदस्त उठा- पठक का दौर जारी है. एमसीडी में महज 48 सीटों पर ही सफलता पाने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे ने इस्तीफा दे दिया है. एमसीडी चुनाव के रुझान आते ही इस्तीफों का दौर शुरु हो गया.

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आपको बता दें कि, दिलीप पांडे ने एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद बुधवार की शाम को प्रदेश संयोजक के पद से अपना इस्तीफा पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को भेज दिया और उनसे जिम्मेदारी किसी और को देने की मांग की है. केजरीवाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

गौरतलब है कि एमसीडी चुनाव के नतीजों के रुझान साफ होते ही बुधवार दोपहर को चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी के विधायक अलका लांबा ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में एमसीडी की सभी सीटें हारने पर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के सभी पदों से और विधायक पद से अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने ठुकरा दिया.

एमसीडी में करारी हार झेलने के बाद अरविंद केजरीवाल अपने आवास पर पार्टी के तमाम बड़े नेताओं और विधायकों से मिले और हार को लेकर चर्चा की. और वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और आशुतोष नतीजों के बाद सामने आए और हार का ठीकरा ईवीएम पर फ़ोडा. वहीं पार्टी के दूसरे बड़े नेता हार की वजह पर मंथन करने की बात कह रहे हैं.

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अजय माकन ने भी इस्तीफा दिया
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि मार्च 2015 में मैंने कार्यभार संभाला था. हम सब जगह जीरो सीट पर थे. दो साल का कठिन भरा समय था. हमने इश्यू बेस लड़ाई लड़ी. मेरे ख्याल से सही ऑपोजिशन बने. हमने रिजनेबल वापसी की है. कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के अंदर 9 प्रतिशत से ज्यादा की वापसी की है. दो साल में मुझे स्वतंत्रता दी, जिला प्रेसिडेंट, और टिकट बंटवारे में. मेरी आशा थोड़ी और ज्यादा थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे. मैं हार की जिम्मेदारी लेता हूं, नैतिक जिम्मेदारी. मैं प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे रहा हूं. एक साल तक कोई पद नहीं लूंगा. इस पार्टी के साथ मेरा जुड़ाव वैचारिक है.

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