
नोटबंदी के बाद से ही सरकार पर भले ही चौतरफा विरोध के तीर चल रहे हों, लेकिन दिल्ली में एमसीडी की इन दिनों खूब कमाई हो रही है. दरअसल नोटबंदी के बाद एमसीडी ने जैसे ही संपत्ति कर के लिए पुराने नोट स्वीकार करने की घोषणा की लोग एमसीडी दफ्तरों पर बकाया संपत्ति कर जमा करने कराने के लिए उमड़ पड़े. शनिवार को जारी आंकड़ें भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कैसे महज 8 दिनों में नॉर्थ और साउथ एमसीडी ने कुल मिलाकर 20 करोड़ रुपए से ज़्यादा का संपत्ति कर जमा कर लिया है.
इन दिनों में जहां एमसीडी को कुछ लाख रुपये का संपत्ति कर जमा होता था. वहीं 11 नवंबर से लेकर 18 नवंबर तक मिले आंकड़ों ने बदहाल आर्थिक स्थिति से गुज़र रही एमसीडी को मुस्कुराने की वजह दी है. 11 नवंबर से 18 नवंबर तक यानी 8 दिनों में नॉर्थ एमसीडी को 6 करोड़ 79 लाख रुपये संपत्ति कर के तौर पर प्राप्त हुए.
इसके अलावा 6 करोड़ 50 लाख का कंवर्जन चार्ज और 2 करोड़ रुपये बतौर पार्किंग लाइसेंस फीस जमा हुए, कुल मिलाकर इन 8 दिनों में नॉर्थ एमसीडी की झोली में 15 करोड़ 29 लाख रुपए जमा हो गए. इसके अलावा अपनी खस्ता माली हालत को लेकर परेशान ईस्ट एमसीडी में 11 नवंबर से लेकर 18 नवंबर के बीच 8 दिनों में 7 करोड़ रुपये का संपत्ति कर जमा हो गया. पिछले साल इसी दौरान ईस्ट एमसीडी को 2 करोड़ 6 लाख रुपये संपत्ति कर के तौर पर मिले थे.
फिलहाल एमसीडी 24 नवंबर तक पुराने नोटों को स्वीकर कर रही है, जिससे उम्मीद है कि निगम की झोली अभी और भरेगी. इसके अलावा तीनों एमसीडी ने बकाए संपत्ति कर पर 28 फरवरी तक पेनेल्टी और ब्याज पर 100 फीसदी राहत देकर भी संपत्तिकर धारकों को टैक्स जमा करने का सुनहरा मौका दिया है जिससे निगम को काफी उम्मीदें हैं.