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अमेरिका हुआ खिलाफ, तो पाकिस्तान का साथ देंगे रूस और चीन!

पाकिस्तानी अखबार डेली एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका ने उन पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं, जिनके आतंकवादियों के साथ कथित तौर पर संबंध हैं. इसके जवाब में प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि पाकिस्तानी अधिकारियों पर लक्षित प्रतिबंध से अमेरिका के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में कोई सहायता नहीं मिलेगी.

डोनाल्ड ट्रंप. डोनाल्ड ट्रंप.
आदित्य बिड़वई/BHASHA
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  • 13 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

चीन और रूस ने पाकिस्तान को राजनयिक स्तर पर यह आश्वासन दिया है कि अगर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक प्रतिबंध लगाने का कोई भी कदम उठाता है तो वे अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करेंगे. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह गाह मुहैया कराने के लिए इस्लामाबाद की आलोचना की थी. जिसके बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध खराब हुए हैं.

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पाकिस्तानी अखबार डेली एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका ने उन पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं, जिनके आतंकवादियों के साथ कथित तौर पर संबंध हैं. इसके जवाब में प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि पाकिस्तानी अधिकारियों पर लक्षित प्रतिबंध से अमेरिका के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में कोई सहायता नहीं मिलेगी.

इस्लामाबाद स्थित राजनयिक सूत्रों ने डेली एक्सप्रेस से कहा कि विदेश नीतियों के जानकार, सुरक्षा अधिकारी और उच्च सरकार अधिकारी वाशिंगटन के लिए नई विदेश नीति तैयार करने के लिए विचार मंथन कर रहे हैं.

वहीं, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान वीटो पावर रखने वाले चीन और रूस के साथ संपर्क में है. जिन्होंने पाकिस्तान पर अनावश्यक दबाव बनाने की अमेरिकी नीति का विरोध किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों महाशक्तियों ने इस्लामाबाद को सभी मंचों पर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है. पाकिस्तान फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य पश्चिमी देशों से भी संपर्क करेगा.

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समर्थन जुटाने दूसरे देशों के पास जा रहा पाकिस्तान

बता दें कि अमेरिका की नई रणनीति की घोषणा के बाद ट्रंप प्रशासन के सहयोगियों और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच कोई उच्च स्तरीय संपर्क नहीं है. हालांकि, अमेरिकी राजदूत डेविड हाले ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी नागरिक और सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की है. बदले परिदृश्य में पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचनाओं के बीच समर्थन जुटाने के लिए अहम अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय देशों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस सप्ताह चीन, तुर्की और ईरान की यात्रा की है.

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