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पर्यावरण नियमों की उड़ी धज्जि‍यां, श्रीश्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे राष्ट्रपति

आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लीविंग शुरू करने वाले श्री श्री रविशंकर के दिल्ली में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हिस्सा नहीं लेंगे. सूत्रों के मुताबिक यमुना नदी के किनारे होने वाले वर्ल्ड कल्चर समारोह को लेकर पर्यावरण नियमों को तोड़ने की शिकायतों के बाद राष्ट्रपति ने वहां जाने से मना कर दिया है.

बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी की जी रही है बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी की जी रही है
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के दिल्ली में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हिस्सा नहीं लेंगे. इससे पहले खबर थी कि राष्ट्रपति यमुना नदी के किनारे होने वाले वर्ल्ड कल्चर इवेंट में श‍िरकत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, समारोह को लेकर पर्यावरण नियमों को तोड़ने की शिकायतों के बाद राष्ट्रपति ने वहां जाने से इनकार कर दिया है.

किसानों को अबतक नहीं मिला मुआवजा
श्रीश्री के इस कार्यक्रम पर एनजीटी की भी तलवार लटकी है. हालांकि डीडीए ने मंजूरी रद्द करने से इनकार कर दिया है. बताया जा रहा है कि समारोह के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई है, उनको उचित मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है. किसानों ने कहा कि समारोह को लेकर बड़ी तैयारियां हो रही हैं, लेकिन हमें हमारी लागत बर्बाद होने तक मुआवजा नहीं दिया गया है.

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दुनियाभर से आएंगे 3.5 लाख लोग
श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से दिल्ली के मयूर विहार इलाके में यमुना किनारे किसानों की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाना है. आर्ट ऑफ लीविंग फाउंडेशन ने जब किसानों की जमीन पर समारोह की योजना बनाई थी तब किसानों को मुआवजा देने की बात कही गई थी.

पहले दिन 35,973 कलाकार की सांस्कृतिक प्रस्तुति
तीन दिनों का यह समारोह 11- 13 मार्च को होगा. उद्घाटन के दिन भव्य कार्यक्रम में 35,973 कलाकार एक साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे. इसमें दुनिया भर से करीब 3.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी की जी रही है.

आयोजन से नुकसान के लिए शिकायत
पर्यावरणविदों ने शुरुआत में ही समारोह को लेकर नियमों के उल्लंघन और यमुना कछार को होने वाली दिक्कतों पर सवाल उठाया था. इस विवाद के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने श्री श्री रविशंकर को समारोह की इजाजत देने से मना करने की बात कहते हुए आयोजकों से तैयारी रोकने के लिए कहा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को डीडीए ने कहा कि उसे समारोह के इतने बड़े पैमाने पर किए जाने की जानकारी नहीं थी.

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समारोह हटाने के लिए चलाई मुहिम
इस बीच फाउंडेशन के खिलाफ चेंज डॉट ओआरजी पर 2800 हस्ताक्षरों के साथ मुहिम चलाई गई है. गैरसरकारी संगठन स्वेच्छा इंडिया के विमलेंदु झा ने मुहिम चलाकर इस समारोह को यमुना किनारे से हटाने की मांग की है. झा ने आयोजन की तैयारी की वजह से हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग भी की है. इस आवेदन को पीएम नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरपर्सन स्वतंतर कुमार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और श्री श्री रविशंकर को भेजा गया है.

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