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GST लागू होने के बाद बिहार में राजस्व कर का लक्ष्य 20 हजार करोड़

मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पूर्व अप्रैल से जून तक 4,413 करोड़ और जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 13,658 करोड़ रुपये राजस्व का संग्रह हुआ है. अधिकारी वित्तीय वर्ष के बचे दिनों में प्रयास कर 20 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पार करें.

वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी
अंकुर कुमार/सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

बिहार सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक जीएसटी के अन्तर्गत 20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य वाणिज्य कर अधिकारियों को दिया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के बड़े करदाताओं पर फोकस करें. मोदी पटना में वाणिज्य कर विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से लागू होने वाली ई-वे बिल के लिए विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है. जहां सम्पर्क कर कारोबारी और ट्रांसपोर्टर सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

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मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पूर्व अप्रैल से जून तक 4,413 करोड़ और जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 13,658 करोड़ रुपये राजस्व का संग्रह हुआ है. अधिकारी वित्तीय वर्ष के बचे दिनों में प्रयास कर 20 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पार करें.

वैट की व्यवस्था के अन्तर्गत 2016-17 के दौरान राज्य के 597 बड़े कारोबारियों जिनका वार्षिक टर्न ओवर 50 से लेकर 500 करोड़ से अधिक था, उनसे कुल राजस्व का 73 प्रतिशत संग्रह हुआ था. इनमें 500 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले 36 कारोबारियों से 47 प्रतिशत, 200 से 500 करोड़ का कारोबार करने वाले 95 डीलरों से 11.57 प्रतिशत, 100 से 200 करोड़ के 154 कारोबारियों से 6.93 प्रतिशत और 50 से 100 करोड़ तक के 312 कारोबारियों से 6 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई थी.

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50 हजार से अधिक मूल्य के अन्तर राज्य माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था 1 अप्रैल से बिहार सहित पूरे देश में लागू की जा रही है. बिल जेनरेट होने में किसी परेशानी के निराकरण के लिए वाणिज्य कर विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है. अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राज्य के अंदर भी माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी.

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