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बैंकों से मुलाकात के बाद बोलीं वित्त मंत्री- नकदी की कोई दिक्कत नहीं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को निजी क्षेत्र के बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से मुलाकात कीं. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय संस्थाओं के सामने लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं है.

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aajtak.in
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  • 26 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

  • 400 जिलों में तीन अक्टूबर से लोन मेले का आयोजन
  • वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में लोन की भारी मांग

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को निजी क्षेत्र के बैंकों, एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से मुलाकात कीं. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय संस्थाओं के सामने नकदी की कोई समस्या नहीं है.

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुस्ती बढ़ने की चर्चा के बीच गुरुवार को कहा कि स्थिति सुधर रही है, चीजें आगे बढ़ रही हैं. त्योहारी मौसम में खपत बढ़ने के साथ दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने की उम्मीद है.

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लोन मेले में प्राइवेट बैंक भी होंगे शामिल

उन्होंने बताया कि बैंकों ने बैठक में लिक्विडिटी का मुद्दा नहीं उठाया. वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में लोन की भारी डिमांड है. जिस वजह से सरकार ग्रामीण इलाकों लोने मेले का आयोजन करवाने जा रही है, लोन मेले में प्राइवेट बैंक भी शामिल होंगे.

वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र के बैंकरों के हवाले से कहा कि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट चक्रीय है. धारणा की वजह से यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है. उन्होंने कहा कि सस्ते मकानों की योजना के लिए ऋण की अच्छी मांग है. बैंकरों ने इसकी सीमा 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की मांग की है.

सरकार त्योहारी सीजन में कर्ज की आसान उपलब्ध्ता सुनिश्चित करने के लिए देशभर के 400 जिलों में तीन अक्टूबर से 'लोन मेले' का आयोजन करने जा रही है.

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नकदी बढ़ाने पर फोकस

इसी महीने सीतारमण ने कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि त्योहारी सीजन के दौरान अधिकतम कर्ज वितरण और बैंकों से नकदी का प्रवाह एनबीएफसी और ग्राहकों तक होने की गति तेज हो.

अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए लगातार ऐलान

इससे पहले बीते शुक्रवार को अपने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट सेक्‍टर के लिए कई बड़े तोहफे का ऐलान किया था. इस दौरान उन्‍होंने बताया था कि घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी लगेगा. वहीं इसमें सरचार्ज और सेस जोड़ने के बाद कंपनी को 25.17 फीसदी टैक्‍स देना होगा. इसका फायदा देश की उन बड़ी कंपनियों को मिलेगा जो 30 फीसदी के कॉरपोरेट टैक्‍स स्‍लैब में आती हैं.

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