Advertisement

ऑपरेशन हुर्रियत का बड़ा असर, पाकिस्तान की फंडिंग रोकने में कुछ कामयाब हुआ NIA

टीवी की स्क्रीन पर जैसे ही 'आज तक' के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' चला वैसे ही आतंकवाद और आतंकी घटनाओं पर नजर रखने वाली जांच एजेंसी एनआईए ने तुरंत ही प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया. साथ ही जांच शुरू कर दी. एनआईए ने 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन में पाकिस्तान से हो रही हवाला फंडिंग की बात कबूलने वाले नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद बाबा सहित दूसरे लोगों के खिलाफ जांच शुरु की.

ऑपरेशन हुर्रियत का बड़ा असर ऑपरेशन हुर्रियत का बड़ा असर
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

टीवी की स्क्रीन पर जैसे ही 'आज तक' के स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' चला वैसे ही आतंकवाद और आतंकी घटनाओं पर नजर रखने वाली जांच एजेंसी एनआईए ने तुरंत ही प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया. साथ ही जांच शुरू कर दी. एनआईए ने 'आजतक' के स्टिंग ऑपरेशन में पाकिस्तान से हो रही हवाला फंडिंग की बात कबूलने वाले नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद बाबा सहित दूसरे लोगों के खिलाफ जांच शुरु की. जब इस जांच में एनआईए को पुख्ता सबूत मिले तो गृह मंत्रालय के लिखित आदेश के बाद एनआईए ने FIR दर्ज करते हुए अपनी बड़ी जांच शुरू की. FIR में जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन, दुख्तरान-ए-मिल्लत, हुर्रियत कांफ्रेंस सहित दूसरे अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.

Advertisement

हवाला के जरिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को मिल रहा धन

FIR में कहा गया है कि केंद्र सरकार से सूचना मिली है कि हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों की मिलीभगत से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस कई गैरकानूनी और हवाला चैनल के जरिए पैसे ले रहा है, जिसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी को अशांत बनाए रखने के लिए होता है.

स्कूली छात्राओं को बहकाती है अंद्राबी

सूत्रों से पता चला है कि अलगाववादी महिला नेता आसिया अंद्राबी के नेतृत्व में महिलाओं की एक टीम स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को बहकाती है. एजेंसी का मानना है कि पत्थरबाजी में छात्राओं को शामिल करने के लिए इन महिलाओं को पैसे दिए जाते हैं. जांच एजेंसी की FIR में हाफिज सईद, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य, हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और दुख्तरान-ए-मिल्लत को आरोपी बताया गया है.

हुर्रियत नेताओं पर ताबड़तोड़ छापे, पूछताछ शुरू

Advertisement

एनआईए ने उसके बाद 3 जून 2017 को बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित अलग-अलग शहरों में करीब दो दर्जन के आसपास जगहों पर छापेमारी की जिसमें एनआईए को कई चौंकाने वाले दस्तावेज मिले थे. एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दस्तावेजों के आधार पर एनआईए ने नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद बाबा, सहीद उल इस्लाम, अल्ताफ फंटूस जैसे अलगाववादी नेताओं से दिल्ली में पिछले एक महीने में दर्जनों बार NIA पूछताछ कर चुकी है.

पूछताछ के बीच पत्थरबाजी में भारी कमी

जानकारी के मुताबिक जहां पत्थरबाजी में बड़ी लगाम लगी है, वहीं अब इन पत्थरबाजों के पैसा भी नही पहुंच पा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि जहां पाकिस्तान से आने वाले को फण्ड को पत्थरबाजों तक पहुंचाने वाले अलगाववादी नेता और ट्रेडर्स NIA के शिकंजे में हैं. जिसका असर सीधा पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी के रूप में देखा जा रहा है.

जब से एनआईए ने इस तरीके से अलगाववादी नेताओं के साथ अपनी जांच शुरु की है, तब से घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हुई है वजह इसकी यह बताई जा रही है कि जितने भी अलगाववादी नेता जिनके ऊपर इस बात का लगातार आरोप रहा है, कि वह पत्थरबाजों को 500 और 1000 रुपए एक दिन की पत्थरबाजी के लिए दिया करते थे. उन पत्थरबाजों को एनआईए ने दिल्ली हेड क्वार्टर में बुलाकर लगातार पूछताछ कर रही है. यही वजह रही है, कि यह नेता उन पत्थरबाजों को पैसे देने और उन्हें उकसाने में कामयाब नही हो सके, साथ ही NIA की क्रॉस बॉर्डर ट्रेड से आने वाली पाक फंडिंग पर नकेल लगाने के बाद, पाकिस्तान से होने वाली फंडिंग को इन पत्थरबाजों के बीच में भी नहीं भेज सकें.

Advertisement

44 आतंकी ढेर हुए फिर भी नहीं हुई पत्थरबाजी

आज़तक के पास मौजूद ख़ुफ़िया दस्तावेजो से मिली जानकारी के मुताबिक आतंक का सफाया करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने अभियान चला रखा है. पिछले साल 2016 में इस समय जब भी आतंकियो के ख़िलाफ़ जब सुरक्षा बल एनकाउंटर करते थे तो कई दिनों तक पत्थरबाज आतंकियो की मदद के लिए पत्थरबाजी शुरू कर देते थे. पर इस साल केवल 1 जून से लेकर 11 जुलाई तक जिसमे 44 आतंकी मारे गए. इस दौरान जो पत्थरबाजी हुई जो कि न के बराबर थी.

आंकडे बताते हैं कि 1 जून को बारामुला में 2 आतंकी मारे गए. इसके बाद 5 जून को बांदीपुरा में 4 आतंकी ढेर किए गए. वही 7 जून को कुपवाडा में चार आतंकी फिर मारे गए. 8 जून और 9 जून को बारामुला और कुपवाडा में 8 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया. आपको बता दें कि 10 जून को बांदीपुरा में चार आतंकवादियों को एक बार फिर सुरक्षा बलों में मार गिराया. वहीं 16 जून को अनंतनाग के अरवानी में तीन आतंकवादी जुनैद मट्टू, नासिर और आदिल मुश्ताक को सुरक्षाबलों ने घेर कर ढेर कर दिया. इसके बाद 21 जून से लेकर 11 जुलाई तक लश्कर और हिजबुल के 18 आतंकवादियों को अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों ने मार गिराया.

Advertisement

बुरहान वानी की मौत के समय हुई थी भयंकर पत्थरबाजी

पिछले साल 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में मार गिराया था. इसके बाद से घाटी में लगातार 120 दिन से ज्यादा पत्थरबाजी लगातार होती रही. जिसमें पिछले साल सुरक्षा एजेंसियों के हजारों जवान घायल हुए और उनके शरीर में कई खतरनाक इस पत्थरबाजी की वजह से निशान भी बन गए. इस साल एनआईए ने अपनी जांच पाकिस्तान के फंडिंग के मामले में इन हुर्रियत नेताओं के ख़िलाफ़ शुरू की है. साथ ही इनको दिल्ली लाकर बड़ी पूछताछ करना शुरू किया है. इसके बाद से यह पत्थरबाजी की घटनाएं बहुत कम हुई है कि एनआईए की इस जांच का असर घाटी में कम होती पत्थरबाजी के तौर पर देखा जा रहा है.

आपको बता दें कि एनआईए जिस तरीके से जांच कर रही है प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय एनआईए की इस तरीके की जांच पर काफी खुश है.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement