प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोधगया पहुंच चुके हैं. यहां उन्होंने ग्लोबल हिंदू-बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करने से पहले महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद बोधिवृक्ष
के नीचे काफी देर तक ध्यान भी लगाया. प्रधानमंत्री के बोधगया दौरे को लेकर नक्सलियों ने मगध क्षेत्र में गया और उसके आसपास के इलाकों में 24 घंटे का बंद भी बुलाया है.
मोदी का संबोधन
ग्लोबल हिंदू-बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जन्माष्टमी के मौके पर बुद्ध के साथ भगवान कृष्ण को भी याद किया और कहा कि बुद्ध और कृष्ण से बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उन्होंने कहा, 'बोधगया ने दुनिया को बुद्ध दिया और उन्होंने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया.' मोदी ने कहा कि आज दुनिया बुद्ध की शिक्षा देख रही है. उनके ज्ञान में दुनिया की मुश्किलों का हल है.
मोदी ने कहा, 'बुद्ध पर हिंदू दर्शन का काफी असर हुआ. भगवान शंकर को प्रछन्न बुद्ध कहा गया है. स्वामी विवेकानंद ने बुद्ध का बखान किया था. वह सबसे साहसी शिक्षक थे. वह समानता के महान शिक्षक थे.' उन्होंने कहा कि बोधगया को आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे.
नेहरू के बाद बोधगया जाने वाले पहले पीएम
मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद
बोधगया का दौरा करने वाले देश के पहले पीएम हैं. उन्होंने बोधगया पहुंचते ही सबसे पहले महाबोधि मंदिर में दर्शन किए और उसके बाद वे महाबोधि वृक्ष के नीचे पहुंचे.
ग्लोबल हिंदू-बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करेंगे
मोदी ‘चेतिया करिका: तीर्थयात्रा और सत्य की खोज’ विषय पर प्रदर्शनी का शुभारंभ भी करेंगे.
बोधगया बौद्ध धर्म के अनुयायियों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है.
प्रधानमंत्री का बोधगया का यह दौरा ‘संघर्ष निषेध और पर्यावरण चेतना पर वैश्विक हिंदू-बौद्ध पहल’ नाम के तीन दिवसीय संवाद के साथ-साथ हो रहा है जिस दौरान इस
आयोजन के प्रतिनिधि बोधगया में मौजूद रहेंगे.