
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा अधिकारों की आधी लड़ाई जीतने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर अपने पुराने अवतार में दिखने लगे हैं. शुक्रवार को केजरीवाल की सरकार ने धड़ाधड़ फैसले लेते हुए पांच बड़ी योजनाओं का ऐलान किया. शनिवार को औचक निरीक्षण करने के लिए वह किराड़ी की कच्ची कॉलोनियों में पहुंच गए.
सरकार बनाने के बाद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में अनाधिकृत कच्ची कॉलोनियों में विकास के कई दावे किए, लेकिन जब मुख्यमंत्री खुद औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो तस्वीर कुछ और दिखाई दी. सड़कें बन रही हैं, लेकिन काम इस कदर कच्चा है कि लोगों में नाराजगी है. नाराज लोगों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की.
जनता से शिकायत मिली तो एक्शन में आए केजरीवाल ने फौरन अफसरों को तलब किया और सस्पेंड करने की चेतावनी दे दी. अफसरों ने भी कहा कि काम दुरुस्त कर लेंगे.
एक जगह का दौरा पूरा हुआ तो केजरीवाल दूसरी कॉलोनी में निरीक्षण के लिए पहुंच गए. रास्ते में केजरीवाल ने लोगों से बातचीत की. कुछ महिलाओं ने मुख्यमंत्री को राशन ना मिलने की शिकायत की. एक विधवा औरत ने कहा कि वह बेसहारा है लेकिन सरकारी दफ्तरों में राशन के लिए उसे दर-दर की ठोकर खानी पड़ती है.
मुख्यमंत्री ने शिकायत सुनी तो सांत्वना देते हुए कहा कि जल्दी ही सरकार राशन की बोरियां उनके घर तक पहुंचाएगी. शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के फूड एंड सप्लाई विभाग को राशन की होम डिलीवरी की योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए.
इन कच्ची कॉलोनियों के औचक निरीक्षण में मुख्यमंत्री को विकास के दावों की असलियत दिखी. निरीक्षण के बाद केजरीवाल ने कहा, सरकार के फैसलों पर पाबंदी थी लेकिन अब विकास का काम नहीं रुकेगा. केजरीवाल ने लगे हाथ ऐलान किया कि अगले 10 से 15 दिनों में पूरी दिल्ली की सभी कच्ची और अनधिकृत कॉलोनियों में सड़कों और नालों समेत बुनियादी विकास के लिए सरकार एक साथ पैसा जारी करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल की सरकार संदेश देना चाहती है कि ताकत मिलने पर वह अपने किए गए वादों को पूरा करेगी. जाहिर है केजरीवाल की नजर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी है.