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दिल्ली वालों के लिए फिर एक संकट, मेट्रो कर्मियों ने दी हड़ताल की धमकी, बंद होंगी सेवाएं!

मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 30 जून से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. अगर ऐसा हुआ तो मेट्रो सेवाएं बंद हो सकती हैं.

मेट्रो सेवाएं ठप पड़ने का डर मेट्रो सेवाएं ठप पड़ने का डर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

दिल्ली-एनसीआर वासियों के लिए मुसीबतों की कमी नहीं रहती है. अब फिर एक बड़ी मुश्किल सामने आने वाली है. मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 30 जून से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. अगर ऐसा हुआ तो मेट्रो सेवाएं बंद हो सकती हैं. कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी जैसी कई मांगें पूरी न होने पर यह हड़ताल करने की धमकी दी है.

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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के गैर कार्यकारी कर्मचारी बांह पर काली पट्टी बांधे हुए विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर आंशिक रूप से धरना दे रहे हैं. इनमें ट्रेन ऑपरेटर, स्टेशन कंट्रोलर, टेक्न‍िशियन, ऑपरेटिंग स्टाफ, मेन्टेनेंस स्टाफ आदि शामिल हैं.

ये सभी कर्मचारी दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यमुना बैंक, द्वारका, बदरपुर, मुंडका, कुतुब मीनार, विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, शाहदरा, ओखला एनएसआईसी और पंजाबी बाग वेस्ट स्टेशन पर कर्मचारियों को ऐसे प्रदर्शन करते देखा जा सकता है. कर्मचारी अपनी मांगे पूरी करने के लिए नारे भी लगाते हैं.

इसके पहले पिछले साल भी जुलाई में इसी तरह से मेट्रो कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी थी, लेकिन डीएमआरसी प्रबंधन ने लगातार कई बैठकें कर समझौता किया और दिल्ली-एनसीआर वासियो को संकट से बचा लिया था.

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अब कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल जुलाई में प्रबंधन ने जो वादे किए थे, उसे पूरा नहीं किया गया. उनकी मांगे पहले जैसी ही हैं. इन कर्मचारियों की मांगों में वेतन एवं पे ग्रेड में संशोधन, एरियर का भुगतान, किसी कर्मचारी को निकालने के बारे में एक गाइडलाइन बनाना आदि शामिल हैं.

डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद के अनुसार, 'लोग पिछले दस साल से एक ही पे ग्रेड में पड़े हैं, जबकि पहले हर पांच साल में प्रमोशन होता था.' उन्होंने बताया कि प्रबंधन ने यह वादा किया था कि 13,500-25,520 ग्रेड का 14,000-26,950 ग्रेड के साथ विलय किया जाएगा, लेकिन यह नहीं हुआ.

यूनियन ने चेतावनी दी है कि अभी तक तो विरोध प्रदर्शन से सेवा में किसी तरह की बाधा नहीं है, लेकिन 29 जून तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो 30 जून से पूरी तरह से कामकाज बंद हो जाएगा.

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