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मैं नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा फैन हूं: अजय देवगन

'एजेंडा आज तक' का तमाम मेहमानों में एक नाम बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन का भी था. श्वेता सिंह से बातचीत में उन्होंने बदलते सिनेमा पर खुलकर बात की और प्रशंसकों के सवालों का जवाब भी दिया. पेश है उनसे बातचीत:

Ajay Devgn Ajay Devgn
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST

'एजेंडा आज तक' का तमाम मेहमानों में एक नाम बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन का भी था. श्वेता सिंह से बातचीत में उन्होंने बदलते सिनेमा पर खुलकर बात की और प्रशंसकों के सवालों का जवाब भी दिया. पेश है उनसे बातचीत:

क्या कुछ बदला इतने सालों में?
23 साल हो गए एक्टिंग को. बहुत कुछ बदला है. चश्मे का नंबर आ गया है. जब मेरी पहली फिल्म रिलीज हुई थी, तब मीडिया के नाम पर कुछ नहीं था. डीडी पर बुधवार को चित्रहार में बस एक गाना आ जाता था. आज आप देखिए फिल्म का प्रमोशन कितना बडा इवेंट है. पहले वैनिट वैन कम होती थीं. सड़क पर ही चेंज कर लेते थे. मोबाइल नहीं था. ये बदलाव अच्छे हैं. यंग जेनरेशन के लिए बेहतर मौके हैं.

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आपकी एक्शन हीरो की इमेज है. लेकिन पर्सनल लाइफ में आप मृदुभाषी हैं. मुस्कुराते हैं. धीमे बोलते हैं?
स्क्रीन पर तो मेरा किरदार होता है. मैं मैथड एक्टर नहीं हूं. प्रैक्टिस नहीं करता. बस एक्शन के दौरान यही सोचता हूं कि कैरेक्टर क्या सोच रहा होगा. जो आता है, वो कर देता हूं.

आपके रोल में बहुत विविधता है. ऐसे में जख्म या शहीद भगत सिंह जैसी फिल्मों के लिए क्या ख्वाहिश रहती है?
ऐसी फिल्में करना चाहता हूं. सालों से ऐसी स्क्रिप्ट नहीं सुनी, जिसे सुनकर ख्याल आए कि करना है. चले चाहे न चले. 'जख्म' की बताऊं तो शावर के नीचे खड़ा था. घंटी बजी, महेश भट्ट बोले मैं अपनी आखिरी फिल्म बना रहा हूं. मैंने कहा नहा रहा हूं. बोले तू एक मिनट तो सुन. सुना और बोल दिया ओके डन. 'लेजेंड ऑफ भगत सिंह' भी ऐसी ही फिल्म थी. सुनते ही ख्याल आया कि करनी ही है.

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फिल्मों के सीक्वल के ट्रेंड पर क्या कहेंगे?
सिंघम का सीक्वल किया. गंगाजल का सीक्वल मैं प्रेजेंट कर रहा हूं. मगर इस बार हमने सोचा कि एक लेडी कॉप को पेश किया जाए. बैकग्राउंड हिंदी पट्टी का ही रहेगा.

सिंघम क्रेज पर क्या कहेंगे. पुलिस में भी?
पुलिस वालों का प्यार और इज्जत बहुत मिली है. इसीलिए अब सिग्नल तक नहीं तोड़ता. किसी को कोई दिक्कत न आए. लोग 'सिंघम' देखकर पुलिस में भर्ती होना शुरू हो गए.

मोदी के काम को एंडोर्स करने में आप शुरुआती लोगों में थे?
मेरा गुजरात में सोलर प्रोजेक्ट है. तो इस सिलसिले में पहली बार मिला. तभी समझ आ गया कि देश को ऐसे ही क्लियर एजेंडा वाला नेता मिलना चाहिए. मैं उनका तभी से फैन हूं. मुझे लगता है कि जो लोगों की उम्मीदें हैं, सरकार वैसा काम कर रही है. जादू की छड़ी तो है नहीं. सरकार की नीयत साफ दिख रही है.

आपकी महंगी फिल्म शिवाय का क्या हाल है?
हां, इसकी स्क्रिप्ट और प्रॉडक्शन के चलते कीमत बहुत ज्यादा बढ़ गई है.

100 करोड़ क्लब की होड़ पर क्या कहेंगे?
सवाल 100 करोड़ का नहीं लागत और कमाई के रेश्यो का है. अगर 5 करोड़ की फिल्म 50 करोड़ कमाती है जो ये बहुत बड़ी कामयाबी है.

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अजय देवगन क्या घर में भी सिंघम हैं?
नहीं, घर में तो सभी च्युंगम होते हैं. सिंघम कोई कैसे हो सकता है.

रियल लाइफ में एक्शन की कभी जरूरत पड़ी है?
हां, कॉलेज के टाइम बहुत किया है. हमेशा सही नहीं किया है. गलत भी किया है. हर चीज की उम्र होती है. फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद भी बहुत लोगों को मारा है. गनीमत है, उस वक्त ज्यादा मीडिया नहीं थी.

बेटा आपको कॉपी करता है?
हां, आजकल वो तलवार लिए घूमता रहता है 'एक्शन जैक्सन' देखने के बाद. मैं दिल्ली में था फिल्म के प्रमोशन के लिए. काजल का फोन आया. युग को बुखार है और वो कपड़े नहीं पहन रहा. तलवार लेकर घूम रहा है. मैंने उससे फोन पर बात की. तो उसकी फरमाइश हुई, मुझे ब्लैक सूट चाहिए. अब उस पर काम हो रहा है.

काजोल को डायरेक्ट करने का अनुभव कैसा रहा?
वह जबरदस्त एक्ट्रेस हैं. किसी को भी उनके साथ काम करके अच्छा लगेगा. वह घर बाहर, दोनों रोल बहुत अच्छे से कर रही हैं.

आपका सबसे पसंदीदा ताजा रोल कौन सा है, जख्म या लीजेंड ऑफ भगत सिंह?
जब हम भगत सिंह कर रहे थे. जब बताया जाता था कि भगत सिंह का रियल लाइफ में क्या एटीट्यूड था. सिंपल बंदे थे. सिंपल दर्शन, देश के लिए कुछ करना चाहते थे. वह अपनी जिंदगी से प्यार करते थे. और देश के लिए अपनी यही सबसे कीमती चीज दे दी. तो उसका जो असर हम पर पड़ा. वो बहुत ज्यादा था.

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कौन सी हीरोइन आपको सबसे ज्यादा पसंद है?
पिटवाएंगे आप. कैसा सवाल करते हैं. अभी तो अपनी बीवी का ही नाम लूंगा.

कुछ ऐसा, जो अभी तक फिल्मों में नहीं कर पाए और आगे करना चाहें?
नहीं, शुरू से मैंने जो दिल ने कहा, किया है. अपनी शर्तों पर काम किया है. मुझे कहा जाता था कि आप शोज नहीं करते, लोगों से बात नहीं करते तो ये करियर के लिए अच्छा नहीं है. मगर देखिए, मैं ऐसा ही हूं. मैं खुश हूं कि अपनी शर्तों पर यहां तक पहुंचा हूं.

जिंदगी का सबसे प्यारा क्षण कौन सा है?
जब मेरी बेटी पैदा हुई थी. वह सबसे शानदार क्षण था. उसके बाद, जब बेटा हुआ.

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