
एजेंडा आज तक में 'भाबी जी घर पर हैं' की पूरी टीम पहुंची. इस सेशन का नाम 'सही पकड़े हैं!'. मंच पर सीरियल के सभी किरदार अपने अंदाज में नजर आए. शुभांगी अत्रे पूरे, रोहिताश्व गौड़ (तिवारी जी), सौम्या टंडन (अनीता), आशिफ शेख (विभूति जी) सबने अपने अनुभव साझा किए.
शो के प्रोड्यूसर संजय ने इस कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने पूरी कास्ट की जमकर तारीफ की और कहा कि ये सब कलाकार अपना काम बहुत शिद्दकत से करते हैं.
शुभांगी अत्रे
कार्यक्रम के दौरान शुभांगी अत्रे ने अपने खास अंदाज में डिमोनेटाइजेशन शब्द भी बोलती नजर आईं. सीरियल के बारे में बात करते हुए शुभांगी अत्रे ने कहा कि मेरे
लिए इस सीरियल में काम करना एक बहुत बड़ा चैलेंज था. मैं डरती नहीं हूं बल्कि चैलेज स्वीकार करती हूं. इस सीरियल के सभी लोगों ने इस कैरेक्टर को निभाने
में बहुत मदद की. आगे टीवी के कंटेस्ट पर बात करते हुए शुभांगी ने अपनी राय रखी. उनका मानना है कि ऑडियंस को अपना टेस्ट बदलने की जरूरत है. इस
इंडस्ट्री में डिमांड और सप्लाई का नियम चलता है. जैसा लोग देखना चाहते हैं वैसा ही प्रोड्यूसर परोसते हैं. शुभांगी ने बताया कि जब वो कहीं बाहर जाती हैं तो लोग
उन्हें ये कहकर पुकारते हैं कि 'सही पकड़े हैं' आ गई.
रोहिताश्व गौड़ (तिवारी जी)
सीरियल में तिवारी जी का किरदार निभाने वाले रोहिताश्व गौड़ के काम पर भी नोटबंदी का असर देखने को मिला. तिवारी जी ने बताया कि नोटबंदी से उनकी लुटिया
ही डूब गई. नोटबंदी का असर मेरे बिजनेस पर पड़ा है, लोगों ने कच्छे बनियान पहनने ही बंद कर दिए. आगे अपने करियर के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने
बताया कि डीडी 1 से मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी. हमेशा से प्रोफेशनल थिएटर से मेरा ताल्लुक रहा है. सतीश कौशिक का सीरियल 'मुझे चांद चाहिए' मेरा
पहला सीरियल था. धारावाहिक 'लापतागंज' और 'भाबी जी घर पर हैं' से मैं लोगों की नजर में आया.
रोहिताश्व गौड़ ने बताया कि मैं बचपन में मैथ्स से डरता था और अब टीआरपी से डरता हूं. आजकल टीआरपी आ प्रेशर बहुत रहता है. जो कंटेट पहले था वो अब
नहीं है. इस शो को शुरू करने से पहले हमने काफी सोचा समझा. रोहिताश्व ने कहा, 'मेरा मानना है आज के शो में सोल मिसिंग है.
विभूति
विभूति जी ने बताया कि जब से नोटबंदी हुई है मेरी जेब में सिर्फ 200 रुपये रहते हैं. तिवारी जी से अपनी ऑफ स्क्रीन दोस्ती के बारे में विभूति ने कहा कि हमारी
ट्यूनिंग बहुत अच्छी है. अपने करियर के शुरुआती दौर की बात करते हुए उन्होंने बताया कि मैंने डीडी 1 चैनल में 4 बार ऑडिशन दिया था और चारों बार रिजेक्ट
किया था. थिएटर से अपना प्यार जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरा पहला प्यार थिएटर ही है. अंदर के एक्टर को जिंदा रखने के लिए थिएटर करता हूं.
सौम्या टंडन
सौम्या टंडन ने फलर्ट से निपटने के कुछ राज बताए. सौम्या टंडन ने बताया कि जब कोई फलर्ट कर रहा हो तो अंजान बन जाइये या ऐसे सिर्फ ऐसा जवाब दीजिए
कि हम सिर्फ दोस्त रह सकते हैं. अपने करियर के शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए सौम्या ने बताया कि मैंने एमबी के बाद इंडियाटुडे के बिजनेस डेस्क पर काम
किया था. उसके बाद एक्टिंग और एंकरिंग की. इस इंडस्ट्री में 9-10 साल हो गए हैं. टेलिविजन के कंटेट पर बात करते हुए सौम्या ने बताया कि टेलिविजन में
काम बहुत है, अच्छा काम कम है. डेली सोप की परंपरा ने कंटेट को खत्म कर दिया है.