Advertisement

एजेंडा आजतक: विरासत में मिले मुद्दों पर भिड़े मनीष तिवारी और जयंत सिन्हा

आरके सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसे समय में सत्ता की बागडोर को संभाला जब देश के सामने कोल, स्पेक्ट्रम जैसे कई घोटाले अर्थव्यवस्था को खोखला कर चुकी थी. वहीं जयंत सिन्हा ने कहा कि मौजूदा समय में कालेधन की दिक्कत, बैंक के कर्ज की समस्या जैसे मुद्दे भी कांग्रेस सरकार से विरासत में बीजेपी सरकार दो दिए गए.

एजेंडा आजतक 2017: विचारों के आदान-प्रदान का महामंच एजेंडा आजतक 2017: विचारों के आदान-प्रदान का महामंच
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

एजेंडा आजतक के मंच पर केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और आर के सिंह की विपक्ष में बैठी कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी के बीच भिड़त देखने को मिली. इन नेताओं में गर्मागरम बहस इस बात को लेकर हुई कि क्या मौजूदा बीजेपी सरकार को पूर्व की कांग्रेस सरकार से विरासत में ऐसे मुद्दे मिले जिसने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का काम किया था.

Advertisement

आरके सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसे समय में सत्ता की बागडोर को संभाला जब देश के सामने कोल, स्पेक्ट्रम जैसे कई घोटाले अर्थव्यवस्था को खोखला कर चुकी थी. वहीं जयंत सिन्हा ने कहा कि मौजूदा समय में कालेधन की दिक्कत, बैंक के कर्ज की समस्या जैसे मुद्दे भी कांग्रेस सरकार से विरासत में बीजेपी सरकार दो दिए गए.

इसे भी पढ़ें: BJP बोली- नोटबंदी और GST पर विरोध बना अब विपक्ष का जुमला

आरके सिन्हा ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े उन लोगों को जवाब है जिन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों पर सवाल खड़ा किया था. सिन्हा के मुताबिक अब देश की जीडीपी विकास दर बहुत जल्द 9 फीसदी के पार चली जाएगी. आरके सिन्हा की बात का  समर्थन करते हुए जयंत सिन्हा ने कहा कि बीते तीन साल के दौरान लिए गए आर्थिक सुधार के बड़े फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था ग्रोथ ट्रैजेक्टरी पर आ गई है. सिन्हा ने भी दावा किया कि इन सुधारों के असर से अब देश में विकास दर डबल डिजिट हो सकती है. सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी पर विरोध अब विपक्ष का जुमला बन गया है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें: एजेंडा आजतक 2017 के पहले दिन का पूरा कवरेज

इसके जवाब में मनीष तिवारी ने कहा कि यदि बैंक एनपीए की समस्या बीजेपी को कांग्रेस से विरासत में मिले हैं तो आखिर क्यों मोदी सरकार देश में बड़े 10 एनपीए सूची से कर्ज डकारने वालों के नाम का खुलासा नहीं कर रही. वहीं मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार अब नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म होता दिखाने के लिए इस हफ्ते आए जीडीपी आंकड़ों का हवाला देना शुरू किया है. मनीष ने कहा कि यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद है क्योंकि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान जीडीपी आंकलन का फार्मूला बदला है जिससे बड़ा संख्या दिखाई देती है. लेकिन मनीष के मुताबिक हकीकत में यह आंकड़े 70 और 80 के दशक में मिल रही ग्रोथ के समानांतर हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement