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एजेंडा आजतक: जल्द शुरू होगी ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा, रविशंकर प्रसाद का ऐलान

सैकड़ों नाम अभी तक हाई कोर्ट से आया ही नहीं है. भारत में 5 हजार जजों के पद खाली है. उसमें केंद्र सरकार या राज्य सरकार किसी की भूमिका नहीं है. जजों के लिए हाई कोर्ट या पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा का आयोजन करता है.

रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री (फोटो- शेखर घोष, इंडिया टुडे) रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री (फोटो- शेखर घोष, इंडिया टुडे)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

  • ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा का प्रस्ताव जल्द लाया जाएगा
  • आईएस, आईपीएस की परीक्षा अलग से तो ज्यूडिशियल की क्यों नहीं?

देश के नंबर वन न्यूज चैनल आजतक के 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण के दूसरे दिन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हुए और उन्होंने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. कानून मंत्री ने माना कि न्यायलयों में जजों की कमी है इसलिए केस के निपटारे में समय लगता है. हालांकि ये भी बताया कि काफी जजों की नियुक्तियां हो रही है.

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, 'जजों के नाम का प्रस्ताव मैं शुरू नहीं कर सकता. वो हाईकोर्ट का कॉलेजियम भेजता है. उसके बाद आईबी की पूछताछ होती है. फिर केंद्र सरकार विचार रखती है. फिर वो सुप्रीम कोर्ट जाता है तब यह प्रक्रिया संपन्न होती है. सैकड़ों नाम अभी तक हाई कोर्ट से आया ही नहीं है. भारत में 5 हजार जजों के पद खाली है. उसमें केंद्र सरकार या राज्य सरकार किसी की भूमिका नहीं है. जजों के लिए हाई कोर्ट या पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा का आयोजन करता है.'

आजतक के मंच से रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा का प्रस्ताव लाने वाली है. उन्होंने कहा, 'मैं ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस की परीक्षा का प्रस्ताव लाने वाला हूं. आईएस, आईपीएस की परीक्षा अलग से हो सकती है तो ज्यूडिशियल की क्यों नहीं हो सकती? यह परीक्षा यूपीएससी (केंद्रीय लोक सेवा आयोग) कंडक्ट करे और सुप्रीम कोर्ट उसकी निगरानी करे. इस प्रक्रिया से देश के बेस्ट छात्र चुनकर आएंगे और कल को वो एडीजे बनेंगे, डिस्ट्रीक्ट जज बनेंगे. हाई कोर्ट आएंगे. इसमें एस/एसटी को रिजर्वेशन भी मिलेगा. इसे लाने की कोशिश चल रही है.'

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केंद्रीय मंत्री ने हाल के दिनों में रेप और हिंसा को लेकर कानून में बदलाव की भी बात की. उन्होंने कहा, 'देश में हाल के दिनों में बेटियों के साथ जो हुआ है उस मामले में मैंने मुख्य न्यायाधीश से बात की है. मैंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत लिखा है और बताया है कि कानून में जो संशोधन हुए हैं, उसमें रेप और पॉक्सो के केस में जांच की प्रक्रिया दो महीने में पूरी हो. सरकारें इसको सुनिश्चित करे. हमने हाई कोर्ट के सारे चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखा है कि 6 महीने में ट्रायल प्रक्रिया पूरी हो. इसकी चिंता अदालतें करे. 400 स्पेशल कोर्ट बनाए जा रहे हैं जिसमें डेढ़ सौ बनने शुरू हो चुके हैं. इसमें मैं भी सहयोग करूंगा जिससे ट्रायल समय पर हो सके.'   

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