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पिछले 19 साल से लगातार भारत का नंबर वन न्यूज चैनल रहे 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के 8वें संस्करण की शुरुआत हो चुकी है. सोमवार को दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में फिर ‘कितना गुलाम-कितना आजाद’ सत्र में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी बात रखी. जम्मू-कश्मीर के विकास पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि राज्य में विकास नहीं हुआ. मैं बताना चाहता हूं कि जितने बड़े-बड़े राज्य हैं, उनमें 50 फीसदी से ज्यादा जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के मुकाबले जम्मू कश्मीर का पैरामीटर कहीं ज्यादा है. नेशनल अवरेज में भी हमारा पैरामीटर ज्यादा है.
अगर बात सेक्स रेशियो, गरीबी, बेरोजगारी, बिजली, सेनिटेशन, स्वास्थ की जाए तो हर पैरामीटर में जम्मू कश्मीर बेस्ट है. फिर अमित शाह ने विकास का बहाना क्यों किया? इस दौरान उन्होंने भेड़िए और मेमने की कहानी भी सुनाई. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर मोदी सरकार को खटक रहा था. वहां की सबसे बड़ी ताकत टूरिज्म है, जिसे उन्होंने खत्म कर दिया. जिस वक्त बिल आया उस वक्त वहां अमरनाथ यात्रा चल रही थी. काफी संख्या में टूरिस्ट आ रहे थे. अगर सरकार चाहती तो वो बिल अपने सरकार में भी ला सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
सदन के पटल पर नहीं रखा गया बिल
धारा-370 हटाने को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कोई हार्ट अटैक से मरता है तो फैमिली को दुख ज्यादा होता है, लेकिन घर में कोई बीमारी से मरता है तो घरवाले मेंटली तैयार रहते हैं. जिस तरह से धारा-370 को हटाया गया, वो हार्ट अटैक था. सदन में किसी भी बिल के लिए एक हफ्ते पहले बिजनेस एडवाइजरी कमेटी टाइम निर्धारित करती है. उसके बाद डिस्कशन के लिए सदन के पटल पर दो दिन पहले रखा जाता है और ये वर्किंग डे होता है. लेकिन धारा-370 को लेकर ऐसा कुछ नहीं किया गया. मैं लंबे समय से लोकसभा और राज्यसभा से जुड़ा हूं. मैंने बहुत से प्रधानमंत्री के साथ काम किया, लेकिन पहली बार किसी बिल को पास कराने के लिए ना तो उसे सदन के पटल पर रखा गया और ना ही बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के पास भेजा गया. 370 की हम थोड़ी कल्पना कर सकते थे लेकिन लद्दाख और जम्मू कश्मीर को यूटी बनाना हैरत करने वाला है. मैं सदन में बैठा रहा, लेकिन टेलीविजन चैनलों ने नहीं दिखाया.
कांग्रेस की सरकार में बहुत बदलाव हुए
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार रहते हुए भी कश्मीर में बहुत से बदलाव किए गए, लेकिन वहां की विधानसभा की अनुमति से सभी बदलवा किया. जो कानून हिंदुस्तान में बना वहां भी लागू हुआ, लेकिन आपने 370 हटाने का रास्ता ठीक नहीं चुना है. आज राज्यपाल शासन लगाकर कानून को लागू कर रहे हैं. आप खुद ही सब कुछ तय कर रहे हैं. 1947 में 12 स्टेट बने थे, जम्मू कश्मीर एक सिंगल स्टेट था. जम्मू कश्मीर एक स्टेट था. लेकिन आपने उसके टुकड़े कर दिए. आप पूरी फौज लगा कर कह रहे हैं कि वहां प्रदर्शन नहीं हो रहा है. अगर वहां फौज भी हटा दीजिएगा तो किसी को कुछ पता नहीं होगा. वहां के लोगों की उम्मीद मर चुकी है.