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Agenda Aajtak में बोलीं कली पुरीः जिम्मेदार पत्रकारिता हमारा एकमात्र एजेंडा

इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने एजेंडा आजतक के महत्व के बारे में बताते हुए इस आयोजन को अपने सभी कार्यक्रमों की नींव बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी तरह के विचारों को बगैर किसी दबाव और रोक-टोक के आपके सामने प्रस्तुत करना हमारा प्रमुख एजेंडा है.

इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

  • एजेंडा आजतक 2019 में कली पुरी का स्वागत भाषण
  • बगैर दबाव और रोक-टोक के खबरें पहुंचाना लक्ष्य
  • एजेंडा आजतक को बताया अन्य इवेंट्स की नींव

आजतक के महामंच एजेंडा आजतक 2019 का आगाज हो चुका है. इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की औरपाचारिक शुरुआत हुई है. कली पुरी ने एजेंडा आजतक के महत्व के बारे में बताते हुए इस आयोजन को अपने सभी कार्यक्रमों की नींव बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी तरह के विचारों को बगैर किसी दबाव और रोक-टोक के साथ आपके सामने प्रस्तुत करना हमारा प्रमुख एजेंडा है. उनका पूरा स्वागत भाषण पढ़ें...

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नमस्कार आप सबका एजेंडा आजतक में स्वागत है.

हिन्दी जगत के महामंच का यह आठवां संस्करण है. यह वो एजेंडा आजतक है जिसने दूसरे और कार्यक्रमों का आयोजन किया है. एजेंडा आजतक का पहला एडिशन 2012 में हुआ था. उस समय आजतक का कोई और इवेंट नहीं था. इस एक इवेंट ने नक्शा ही बदल दिया.

क्रिकेट कप्तानों के सत्र से आइडिया आया कि हमें क्रिकेट पर इवेंट करना चाहिए तो सलाम क्रिकेट शुरू हुआ. अब सलाम क्रिकेट अपने सातवें साल पर है. इस साल तो सलाम क्रिकेट लॉर्ड्स पहुंचा. हिन्दी हैं हम सत्र देखकर लगा कि एक कमी है हिन्दी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है. एजेंडा आजतक के एक सत्र से साहित्य आजतक शुरू हुआ जो अब चौथे साल में है. एजेंडा इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत, जड़ और नींव है.

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यहीं से हमारा और देश का एजेंडा सेट होता है. देश का एजेंडा तो मोशन में है और हर बात पर जमकर वाद-विवाद चल रहा है. हम एक कठिन मोड़ पर हैं. इसीलिए और भी जरूरी है कि बातों पर खुलकर चर्चा हो. शांति से बात पर विचार हो. बात हर तरफ से समझी जाए और हर नजर से देखी जाए. कोई रोक नहीं, कोई आवाज दबे नहीं और यही हमारा प्रयास है. अगर वो वाद-विवाद एकतरफा हो और बहस का ड्रामा हो तो मैं उससे सहमत नहीं हूं.

आलोचक कहते हैं कि आप सिर्फ टीआरपी के लिए करते हैं. वो याद रखें कि जब ज्यादातर लोग संडे को अपने घर में बैठ कर टीवी देख रहे थे, हमारे रिपोर्टर्स की टीम स्पॉट से नॉनस्टॉप कवरेज कर रही थी. टीआरपी क्या है? यह बात साफ होनी चाहिए. ये एक नंबर है जो दिखाता है कि हमारे और आपके बीच का बंधन कितना मजबूत है. अब एक नंबर एक विश्वास को कैसे नाप सकता है?

एक अनोखे रिश्ते को नहीं तौल सकता, सिर्फ एक दिशा दिखा सकता है. हां, टीआरपी पर हम 18 साल से नंबर-1 हैं. हर बड़ी खबर में आप हमारे साथ ही जुड़ते हैं, हमारा हौसला बढ़ाते हैं कि जिम्मेदार पत्रकारिता ही चलेगी. लेकिन हमारा ध्यान टीआरपी पर नहीं, आप दर्शकों पर रहता है. आपके पास खबर सबसे तेज और बिना मिलावट के पहुंचे. इसमें कोई वाद-विवाद नहीं है और यही हमारा इकलौता एजेंडा है.

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एक और विषय है जिसमें कोई बहस की जगह नहीं, कोई समझौता नहीं, वह ये कि हमें अपनी महिलाओं को सुरक्षित रखना है ताकि वो बिना डर के आगे बढ़ें. इसलिए हम आज का एजेंडा निर्भया से शुरू करते हैं. जय हिन्द. 

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