
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आतंकियों और भ्रष्टाचारियों की कोई निजता नहीं होती. अपराधी के डेटा को इंटरसेप्ट करने के लिए कानून-सम्मत तरीके से प्रावधान है. नई दिल्ली में आयोजित एजेंडा आजतक में आए केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात कही.
व्हाट्सऐप ने जिस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में चेतावनी दी थी उसके बारे में कहा जा रहा है कि इससे सरकारें जनता की जासूसी कर रही हैं. इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आम लोगों के डेटा की पूरी सुरक्षा होती है, लेकिन आंतकियों और भ्रष्टाचारियों की कोई निजता नहीं होती.
उन्होंने कहा, 'अब मान लिया कि किसी ने मनी लॉन्ड्रिंग से हजारों करोड़ रुपये विदेश भेजे तो उसके हर डेटा की जांच होगी. फेयर इनवेस्टीगेशन का अधिकार संविधान के मुताबिक है. ये मसला अमेरिका के किसी कोर्ट में उठाया गया. यह उचित नहीं है, अमेरिकी कोर्ट में भारत के लोगों का नाम नहीं उठाया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि डेटा सिर्फ सरकारों को बेचने का दावा निजी कंपनी ने किया है, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा. अपराधी के डेटा को इंटरसेप्ट करने के लिए कानून सम्मत तरीके से प्रावधान है. इस तरह की जांच देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है.
क्या था मसला
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों, सीनियर अधिकारियों, नेताओं और राजनयिकों की व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का आरोप लगाया गया था. व्हाट्सऐप ने इजरायली सर्विलांस फर्म एनएसओ ग्रुप पर जासूसी करने का आरोप लगाया था. बताया जा रहा है कि एनएसओ ग्रुप ने भारत समेत 20 देशों के करीब 1400 राजनयिकों, नेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी की.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 130 करोड़ के हिंदुस्तान में 121 करोड़ मोबाइल फोन, 124 करोड़ आधार कार्ड हैं. भारत डिजिटल इकोनॉमी में आगे बढ़ रहा है, सबसे ज्यादा फेसबुक, व्हाट्सऐप है. सुप्रीम कोर्ट ने भी ये कहा है कि आतंकवादी और भ्रष्ट लोगों का कोई निजता का अधिकार नहीं होता.
डेटा प्रोेसेसिंग सेंटर बने भारत
उन्होंने कहा कि भारत में डेटा बिलियंस में आता है, हम चाहते हैं कि भारत डेटा प्रोसेसिंग का सेंटर बने. सेंसेटिव डेटा भारत में रहेगा, अगर किसी को देना पड़ा तो यह उससे जुड़े व्यक्ति की सहमति से होगा. हम भारत को दुनिया की टॉप डेटा इकोनॉमी बनाना चाहते हैं. इसी तरह सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म को अपने कस्टमर के लिए वाल्युएंटरी एक्सेस प्रोफाइल रखना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, '130 करोड़ के हिंदुस्तान में 121 करोड़ मोबाइल फोन, 124 करोड़ आधार कार्ड हैं. हमने 37 करोड़ उन गरीबों के एकाउंट खोले जो बैंकिंग सिस्टम से बाहर थे. 8 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किए गए.
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल इकोनॉमी आगे बढ़ रही है, दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक, व्हाट्सऐप भारत में है. लेकिन आतंकियों और भ्रष्ट लोगों की कोई निजता नहीं होती. उनके बारे में डेटा तो जरूरत पड़ने पर सरकारें लेती ही हैं. यह कानूनी तरीके से होता है.