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#Agenda15 गडकरी बोले- शहरों के साथ गांवों का विकास होना जरूरी, अश्विनी कुमार ने की यूपीए की वकालत

हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आज तक' में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश की जीडीपी को सुधारने के लिए गांवों के विकास की जरूरत है.

नितिन गडकरी नितिन गडकरी

हिंदी जगत का महामंच 'एजेंडा आज तक' एक बार फिर आपके सामने है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 11 और 12 दिसंबर 2015 को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम से हुई. कार्यक्रम में पहले वक्‍ता के तौर पर मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार शामिल हुए. नितिन गडकरी ने कहा कि देश की जीडीपी को सुधारने के लिए गांवों के विकास की जरूरत है. शहरों के साथ गांवों का विकास होना चाहिए.

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देश में जारी ज्‍वलंत मुद्दों पर बहस को लेकर उन्‍होंने कहा कि विपक्ष की बात को भी पूरी तरह अनसुना नहीं करें. देश में हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा होने की जरूरत है. इस मंच पर मौजूद कांग्रेस प्रवक्‍ता अश्विनी कुमार ने कहा कि भाजपा जिन सड़कों को बनाने की बात करती है वो ये नहीं भूले कि इसकी नींव कांग्रेस ने रखी है. अश्विनी कुमार ने कहा कि सड़कें जोड़ें लेकिन लोगों के दिल जुड़ना ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश के लोग अपने आत्मसम्मान को लेकर चिंतित हैं.

अश्विनी कुमार ने टिप्पणी करते हुए कहा की देश को सड़क से नहीं दिलों से जोड़ें. अश्विनी ने यह भी कहा कि सरकार देश का विकास समाजिक न्याय के साथ करे, लोगों के दिलों में सरकार की नीतियों को लेकर खौफ है, सरकार इस खौफ को दूर करे. साथ ही उन्‍होंने गडकरी समेत पूरी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि आपने अब तक जिन स्‍कीमों की घोषणा की है, वे सभी यूपीए की हैं. हमने तो बस आपका धन्‍यवाद ही कहा.

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विकास के मुद्दे पर शुरू हुई बात सियासत पर पहुंच गई. अश्विनी कुमार ने जब सरकार पर सवाल उठाए तो गडकरी बोले- बीजेपी कोई मां-बेटे की पार्टी नहीं है. मुस्लिमों के खिलाफ कांग्रेस की राजनीति रही है. सरकार का कोई फैसला अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रहा. दंगे तो यूपीए के कार्यकाल में भी हुए हैं. गडकरी से पूछा गया था कि क्या देश की अमीरी देश की सड़कों से आंकी जाएगी? इस पर गडकरी ने कहा कि सड़कें होंगी तो गांवों का विकास होगा. शहरों के साथ कृषि और गांवों का विकास भी जरूरी है. इस पर अश्विनी कुमार ने कहा कि देश आत्मसम्मान को लेकर चिंतित है.

संसद चलने को लेकर पूछे गए सवाल में अश्विनी कुमार ने यह बात साफ कर दी की अगर पक्ष में बैठे नेता हमें देश की बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का सम्‍मान नहीं दे सकते तो हमसे कोऑपरेशन की उम्‍मीद नहीं करें.

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