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आगरा के मुस्लिम समुदाय ने अवैध अप्रवासी मामले में सरकार से मानवतावादी रवैया अपनाने की अपील की

भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के चेयरमैन समी अघाइ ने नेशनल जनसंख्या रजिस्ट्री सर्वे में चिह्नित किए गए अवैध अप्रवासियों के मुद्दे को उठाया.

आगरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की बैठक आगरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की बैठक
संध्या द्विवेदी
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  • 01 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:07 PM IST

आगरा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य से अवैध अप्रवासियों को निकाले जाने के खिलाफ सीधी लड़ाई के लिए तैयार हैं. ऐसे में असम और दूसरे उत्तर पूर्व राज्यों में इस मसले को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच चिंताएं बढ़ने लगी हैं.

आगरा में हाल ही में भारतीय मुस्लिम विकास परिषद ने आगरा के कुछ उदारवादी मुस्लिमों और कुछ विख्यात नागरिकों की बैठक बुलाई. इस बैठक में समाज के भीतर तेजी से हो रहे सांप्रदायिकरण और अवैध अप्रवासियों के मामलों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई.

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इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुफ्ती मुदस्सर अली खान कादरी ने कहा, इस बैठक को मकसद तेजी से पनप रही सांप्रदायिक सोच से निपटने के तरीकों को पर विचार विमर्श करना है. मुझे उम्मीद है कि सांप्रदायिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया की निंदा करने की बजाए शहर और राज्य के प्रगतिवादी सोच वाले नागरिक इस गंभी मसले पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल होंगे.

उन्होंने कहा, इन दिनों पूरी दुनिया में सांप्रदायिक सोच के जहर को फैलाया जा रहा है. संप्रदायवादी समूह समाज को जाति, पंथ और धर्म में विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं. वोट बैंक की राजनीति के चलते हिंसात्मक विचारों को फैला कर मानवता को खत्म किया जा रहा है.

कादरी ने कहा, यह बहुत चौंकाने वाला है कि नफरत और बैर फैलाने वाले लोग शीर्ष पदों पर हैं और शांति फैलाने वाले लोग कठिन समय से गुजर रहे हैं.

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प्रेसिडेंट मो. जमियत उल कुरैशी शरीफ काले ने कहा, भारत का यह चलन है कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आते हैं, राजनेता धार्मिक भावनाओं को हवा देना शुरू कर देते हैं. यह जहरीली हवा हरेक के दीमाग को प्रदूषित करती है. इस तरह का रवैया देश की आंतरिक सुरक्षा और शांति के लिए खतरनाक है.

भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के चेयरमैन समी अघाइ ने नेशनल जनसंख्या रजिस्ट्री सर्वे में चिह्नित किए गए अवैध अप्रवासियों के मुद्दे को उठाया.

उन्होंने एनआरसी की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा डेटा कलेक्शन के लिए सरकार ने जो विधि इस्तेमाल की उसे और जांचने परखने की जरूरत है. किसी को अवैध अप्रवासी घोषित करने से पहले डेटा की दोबारा पड़ताल होनी चाहिए.

हालांकि उन्होंने कहा अगर कोई सच में अवैध अप्रवासी पाया जाता है तो उसे तत्काल उसके मूल देश में भेजा जाना चाहिए. क्योंकि यह लोग सीमा से लगे राज्यों में बसकर वहां की जनसांख्यिकीय पर असर डाल रहे हैं. यह सुरक्षा के लिए खतरा है.

अघाइ ने कहा, भारत से इन अवैध अप्रवासियों को निष्कासित करते वक्त यह ध्यान रखने की जरूरत है कि इसमें किसी भी तरह की कोई अमानवीयता न हो. ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगना चाहिए कि किसी एक धर्म के खिलाफ ऐसा कदम उठाया गया है.

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सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी के चेयरमैन सैय्यद इरफान सलीम ने कहा, आतंकवाद एक ऐसा खतरा है जो पूरी दुनिया के ऊपर मंडरा रहा है और आतंकवादी किसी भी धर्म का हो सकता है.

उन्होंने कहा, इस्लाम में जानवर तक को फिजूल में हानि पहुंचाना वर्जित है. फिर आतंकवाद को जायज कैसे ठहराया जा सकता है.

ऐसे लोग जो अपनी इच्छा से आतंकवादी बने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं वे किसी भी हालत में इस्लाम के अनुयायी नही हो सकते हैं.

हिंदुस्तानी बिरादरी के वाइस चेयरमैन विशाल शर्मा ने कहा मानवता को कभी धर्म में नहीं बांटा जाना चाहिए. मानवता खुद में सबसे बड़ा धर्म है.

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