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चेन्नई में अपोलो हॉस्पिटल के बाहर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत के लिए लोगों ने दुआएं मांगी. भारी संख्या में अस्पताल के बाहर जुटे लोगों ने जयललिता के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की. बीते 13 दिनों से तबीयत खराब होने के चलते जयललिता अस्पताल में भर्ती हैं.
जयललिता की हेल्थ को लेकर सस्पेंस इतना बढ़ गया है कि इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट को तमिलनाडु सरकार को आदेश देना पड़ा है. तमिलनाडु सरकार बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत से जुड़ी सारी कन्फ्यूजन दूर करेगी.
राज्य सरकार का वकील बुधवार को जयललिता की सेहत को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगा. हाई कोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता रामास्वामी ने जनहित याचिका दायर की थी और कोर्ट से कहा था कि तमिलनाडु के लोग जानना चाहते हैं कि जयललिता का स्वास्थ्य कैसा है.
अपोलो अस्पताल ने कहा है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत में 'सुधार हो रहा' है और एंटीबायटिक और अन्य क्लीनिकल उपायों को अपनाने के साथ-साथ पहले की तरह इलाज जारी है. फिलहाल जयललिता को अस्पताल में रहने की सलाह दी गई है. अपोलो अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी सुबैया विश्वनाथन ने कहा था कि संक्रमण के इलाज के लिए उचित एंटीबायटिक, सांस लेने में सुविधा के उपाय और अन्य संबंधित क्लीनिकल उपायों सहित इलाज की पूरी योजना का पालन किया जा रहा है.
बीते 22 सितंबर को जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने के बाद दो अक्तूबर को पहली बार अस्पताल ने कहा था कि मुख्यमंत्री को हुए 'संक्रमण' का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल की एक बुलेटिन में कहा गया था कि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता का इलाज कर चुके ब्रिटेन के एक डॉक्टर से विशेषज्ञ राय ली गई है. बुखार और शरीर में पानी की कमी की शिकायत के बाद 68 साल की जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.