
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इंजीनियरिंग और टेक्निकल कोर्स के पाठ्यक्रम में कई बदलाव किए हैं. एआईसीटीई की ओर से जारी किए गए फरमान के अनुसार थ्योरी के लिए आवश्यक क्रेडिट नंबर को 220 से 160 कर दिया गया है. वहीं 160 क्रेडिट में 14 क्रेडिट समर इंटर्नशिप के लिए आवश्यक कर दिया गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नया पाठ्यक्रम छात्रों को आकर्षित करेगा, क्योंकि इसमें थ्योरी से अधिक प्रेक्टिकल पर ध्यान दिया गया है. इस पाठ्यक्रम को लेकर जावड़ेकर ने कहा है कि पिछले कुछ सालों में भारत में तकनीकी शिक्षा में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रगति का सही रास्ता हायर एजुकेशन है और हमने तरक्की के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.
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वहीं नए पाठ्यक्रम में भी ये भी फैसला किया गया है कि अब आईआईएम को छोड़कर सभी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में एक समान सेलेबस होगा. साथ ही इस बार इंडस्ट्री की डिमांड को लेकर कई कई बदलाव कि गए, जिसमें प्रेक्टिकल नॉलेज भी शामिल है.
एआईसीटीई की ओर से जारी किए गए नए पाठ्यक्रम के अनुसार अब उम्मीदवारों को वेद, पुराण, शास्त्र आदि का भी अध्ययन करवाए जाएगा. छात्रों को अनिवार्य कोर्स के साथ संविधान और पर्यावरण विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है और इसके परीक्षा मार्क्स फाइनल मार्क्स में जोड़े नहीं जाएगा. बता दें कि पाठ्यक्रम में ये बदलाव इसी साल से हो सकते हैं.