
ऐसा हर किसी के साथ कभी न कभी होता है कि आप समय और पैसा खर्च करके बड़ी मुश्किल से जब डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तो डॉक्टर सिर्फ इतना कहता है कि आपकी दवा ठीक चल रही है. इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है. देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में तो दूर दूर से आने वाले मरीजों की वजह से डॉक्टर को दिखाना बहुत मुश्किल काम होता है.
ऐसे में जिन बच्चों को कोई न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम हो और वे ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मसल डिस्ट्रॉफी या मिर्गी जैसी बीमारी से पीड़ित हो उनके परिवार वालों के बार-बार अस्पताल आने की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है.
लेकिन अब उनकी ये मुश्किल काफी हद तक आसान होगी. अब उन्हें बार-बार बीमार बच्चों के साथ अस्पताल आने के बजाय सिर्फ एक फोन करना होगा और उन्हें एम्स के चाइल्ड न्यूरोलॉजी विभाग के अनुभवी डॉक्टरों की सलाह मिल जाएगी. डॉ उन्हें बच्चों को अस्पताल लाने को तभी कहेंगे जब उन्हें लगेगा कि इसकी जरूरत है. ये टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर है- '1800117776.'
गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस हेल्पलाइन की शुरुआत की. इस हेल्पलाइन को चार नर्स चलाएंगी जिन्हें इसके लिए खास तौर पर ट्रेनिंग दी गई है. ये नर्स चाइल्ड न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों से सलाह लेकर फोन करने वाले की मदद करेंगी. एक महीने से लेकर 18 साल तक के मरीजों के बारे में इस हेल्पलाइन पर सलाह दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर का अपॉइंटमेंट भी मिल जाएगा.
इस हेल्पलाइन को शुरू करने के पीछे सबसे अहम भूमिका चाइल्ड न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर शेफाली गुलाटी ने निभाई है. उनका कहना है कि कई वर्षों के अनुभव के बाद वो लोग इस नतीजे पर पहुंचे कि बार-बार बीमार बच्चों को अस्पताल लाना उनके परिवार के लोगों के लिए बहुत बड़ी परेशानी का कारण है. शोध में पता चला कि 2 से 9 साल की उम्र वाले 12 फ़ीसदी बच्चे न्यूरो की अलग अलग बीमारियों से पीड़ित होते हैं. इसीलिए उन लोगों को लगा कि एक हेल्प लाइन ऐसे लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है.
डॉ. शेफाली गुलाटी ने कहा कि चाइल्ड न्यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को कई बार पूरे जीवन भर दवाएं लेनी होती हैं. इसीलिए कई बार फोन पर ही अपने डॉक्टर की सलाह उनके लिए काफी सुविधाजनक होगी.
हेल्पलाइन लॉन्च के मौके पर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कई बार किसी बच्चे को मिर्गी का दौरा पड़े या दूसरी कोई न्यूरो की बीमारी हो जाए तो लोग समझ ही नहीं पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए. इस हेल्पलाइन के जरिए दूरदराज के इलाके के लोग भी अनुभवी डॉक्टरों की सही सलाह का लाभ उठा सकते हैं.
हेल्पलाइन पर नए मरीजों को दवा की सलाह नहीं दी जाएगी, लेकिन जिन बच्चों का पहले से इलाज चल रहा है उनके माता पिता नर्स और डॉक्टर से बात कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन 24 घंटे चलेगी.
एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में पूरे देश से हर हफ्ते हजारों बच्चे इलाज के लिए आते हैं. कई बार उन्हें इलाज के लिए या टेस्ट के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ता है. हेल्प लाइन शुरू होने से न सिर्फ मरीज और उनके परिवारों को मदद मिलेगी बल्कि अस्पताल की भीड़ में भी कुछ हद तक कमी आएगी.