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प्रसव के दौरान एम्स की नर्सिंग अफसर राजबीर कौर की मौत के सिलसिले में AIIMS प्रशासन ने एनेस्थेशिया विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है. राजबीर कौर की मौत के बाद संस्थान के सारे नर्सिंग स्टाफ की विरोध हड़ताल और पांच डॉक्टरों के निलंबन पर हुए हंगामें के बाद संस्थान के प्रशासनिक उप निदेशक वी श्रीनिवास की कमेटी को पूरे मामले की जांच सौंपी गई.
श्रीनिवास कमेटी ने एनेस्थेशिया के सीनियर रेजिडेंट को ड्यूटी में लापरवाही का दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया गया. गायनोकोलॉजी के सीनियर रेजीडेन्ट को लापरवाही बरतने के मामले में संस्थान के निदेशक ने नाराजगी का मेमो थमाया है.
AIIMS के निदेशक डॉ बलराम ऐरन के मुताबिक प्रशासन ने जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एनेस्थेशिया और गाइनी सहित सभी जिम्मेदार विभागों के रेसिडेंट्स को सख्त चेतावनी दी है. प्रशासन ने तमाम विभागों के अध्यक्षों को हिदायद दी है कि 24 घण्टे रेजिडेंट और विशेषज्ञ कन्सलटेंट चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद रहे. यानी किसी भी सूरत में लापरवाही ना बरतें. AIIMS प्रशासन ने राजबीर कौर के निकटतम परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को संस्थान में नौकरी देने का ऐलान किया है.
गौरतलब है कि राजबीर को 16 जनवरी को प्रसव के लिए अपने ही संस्थान AIIMS में दाखिल कराया गया था. सुबह पांच बजे बच्चा पेट में ही अटक गया और राजबीर को दिल का दौरा पड़ गया. उसे ICU में शिफ्ट किया गया पर 4 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया.