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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटनाओं से दो-चार होने वाले छात्रों के लिए नई एंटी रैगिंग हेल्पलाइन जारी करेगा.
इसके अतिरिक्त रात के समय छात्रावास परिसर में निगरानी रखने के लिए चार टीमों का गठन किया जाएगा और प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे.
एम्स के निदेशक एम.सी. मिश्र ने कहा, "कॉलेज और छात्रावास में हो रही रैगिंग की वारदातों को ध्यान में रखते हुए चौबीस घंटे चलने वाली हेल्पलाइन बनाए जाने का फैसला किया गया है. हेल्पलाइन प्रशासन को रैगिंग के मामलों से जुड़ी जानकारी देगा , ऐसा किए जाने से दोषी छात्रों को पकड़ने में मदद मिलेगी."
यह फैसला एमबीबीएस और एमडी/एमएस का नया सत्र शुरू होने से पहले हुई समीक्षा बैठक के दौरान किया गया.
मिश्र ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस से आग्रह किया गया है कि वह छात्रावास परिसर के बाहर दो पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) गाड़ियां तैनात रखे. एक पीसीआर लड़कों के छात्रावास के लिए, तो दूसरी लड़कियों के छात्रावास के लिए होगी.
उन्होंने कहा, "इन सभी इंतजामों के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि रैंगिग के खिलाफ किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं बरती जाएगी." कॉलेज परिसर में नई सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी स्थापित की जाएगी.
इसके अतिरिक्त एक नई संदेश प्रणाली भी शुरू की जाएगी, जिसके द्वारा अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के सभी छात्रों को सेमिनार, विचार विमर्श और व्याख्यान सहित महत्वपूर्ण विषयों पर याद दिलाने वाले संदेश भेजे जाएंगे.