Advertisement

डूबते एअर इंडिया को सरकार से नहीं मिला सहारा, VVIP पर 822 करोड़ का बकाया

Air India को बेचने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है. हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी एअर इंडिया का सरकारों और अफसरशाही ने भी कम दोहन नहीं किया है. एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि कई VVIP  का एअर इंडिया का 822 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है.

Air India: सरकारों और अफसरों ने खूब की उधार में सैर (फाइल फोटो) Air India: सरकारों और अफसरों ने खूब की उधार में सैर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

  • एअर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया आगे बढ़ी
  • एअर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज
  • VVIP का 822 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है

कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया बिकने के लिए तैयार है. सरकार इसके लिए खरीदार की तलाश में है, लेकिन सच तो यह है कि सरकारों ने इसे बचाने की जगह और इस पर बोझ ही डाला है. एक आरटीआई में खुलासा हुआ कई VVIP  का एअर इंडिया का 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है.

Advertisement

RTI से क्या हुआ खुलासा

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ले जाने के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक कंपनी को नहीं हुआ है. कमोडोर लोकेश बत्रा ने आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की है. उन्होंने यह जानने का प्रयास किया था कि कर्ज तले दबी एअर इंडिया को कितना पैसा लेना है. आरटीआई के जवाब में एअर इंडिया ने बताया कि 30 नवंबर, 2019 तक वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के बदले 822 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बकाया है. 

इसे भी पढ़ें: एअर इंडिया बेचने के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी, बोले- देशविरोधी सौदा, जाऊंगा कोर्ट

इसके अलावा बचाव कार्यों के बदले मिलने वाली 9.67 करोड़ रुपये और विदेशी मेहमानों को लेकर जाने के बदले 12.65 करोड़ भी रुपये बकाया है. वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट के अंतर्गत एअर इंडिया कंपनी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेकर जाती है.  इसका भुगतान मंत्रियों द्वारा किया जाता है.  

Advertisement

अफसरों ने भी की मुफ्तखोरी

इसके अलावा सरकारी बाबुओं ने भी एअर इंडिया का खूब फायदा उठाया है. आरटीआई जवाब के मुताबिक 31 मार्च, 2019 तक सरकारी अधिकारियों ने 526.14 करोड़ रुपये की टिकट उधार ली थी. इनमें से 236.16 करोड़ रुपये पिछले तीन साल से लंबित हैं. कंपनी ने अपनी अकाउंट बुक में 282.82 करोड़ रुपये को भी 'संभवत: वसूली न होने वाली' रकम में डाल दिया. एयर इंडिया ने पिछले साल दिसंबर से इन सरकारी अधिकारियों को पिछला बकाया न चुकाने की वजह से टिकट देना भी बंद कर दिया.   

नागर विमानन मंत्री द्वारा 5 दिसंबर, 2019 को दी गई जानकारी के अनुसार, एअर इंडिया को 8,556.35 करोड़ रुपये (प्रोविजनल) का घाटा हुआ था. कर्ज के ऊंचे ब्याज बोझ, किफायती एयरलाइंस से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा जैसी कई वजहों से एअर इंडिया को भारी घाटा हुआ है.

ये भी पढ़ें: कर्ज में क्‍यों डूब रही एअर इंडिया? मोदी सरकार के मंत्री ने दिया ये जवाब

सीबीआई से लेकर ईडी तक सबने ली उधार

पिछले साल कर्ज तले दबी एअर इंडिया ने सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को उधार में टिकट जारी करना बंद कर दिया है. इन एजेंसियों पर टिकट का 10 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement