
एयरसेल-मैक्सिस केस में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कोर्ट को दिए अपने जवाब में साफ किया है कि वह जांच के दौरान ईडी को पूरा सहयोग दे रहे हैं. दरअसल, ईडी ने कोर्ट में अर्जी लगाकर कहा कि कार्ति चिदंबरम मामले की जांच में एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं. लिहाज़ा उनकी जमानत को खारिज कर दिया जाए. इस पर पटियाला हाउस कोर्ट में कार्ति चिदंबरम ने अपने पक्ष में तमाम दलीलें लिखित तौर पर कोर्ट को सौंपी है.
ईडी एयरसेल मैक्सिस केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है. अपने लिखित जवाब में कार्ति चिदंबरम ने ईडी के तमाम आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि वह इस मामले में ईडी के सामने अब तक 6 बार पेश हो चुके हैं. हर बार घंटों ईडी के सामने बैठकर उन्होंने एजेंसी के तमाम सवालों का जवाब दिया है. कभी भी इस मामले में ऐसा नहीं हुआ कि ईडी ने उन्हें समन किया हो और वो पेश ना हुए हो. उल्टा ईडी ने कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया है कि कुछ कानूनी सवालों के जवाब जो उन्होंने ईडी से पत्र के माध्यम से पूछे उनके जवाब उन्हें अभी तक नहीं मिले हैं.
कार्ति चिदंबरम की तरफ से कहा गया है कि उनको परेशान करने के लिए ईडी इस तरह के आरोप उन पर लगा रही है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. कार्ति ने अपने लिखित जवाब में कोर्ट को कहा है कि 28 अगस्त को जान बूझकर ईडी ने उन्हें तब समन किया जब वह बाहर यात्रा कर रहे थे. कार्ति ने कोर्ट को कहा है कि इस मामले में पहले ही एजेंसी उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ कर चुकी है. लिहाजा अब दोबारा कस्टडी में लेकर पूछताछ का कोई औचित्य ही नहीं बनता. इस मामले में अब अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.
ईडी कोर्ट में लगाई अपनी अर्जी में पहले ही साफ कर चुकी है कि जांच के दौरान और पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों पर कार्ति चिदंबरम बेवजह अपना गुस्सा जाहिर कर रहे होते हैं.