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दूसरी उड़ान में फेल हुआ एयरलैंडर 10, जानिए दुनिया के सबसे बड़े विमान की 10 बड़ी बातें

इससे पहले एयरलैंडर ने लंदन के कार्टिंग्टन एयरपोर्ट से बीते गुरुवार को पहली उड़ान भरी थी. विमान रविवार (14 अगस्त) को ही उड़ान भरने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते ऐसा न हो सका.

एयरलैंडर 10 एयरलैंडर 10
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

दुनिया का सबसे बड़ा विमान 'एयरलैंडर 10' अपनी दूसरी टेस्ट फ्लाइट में हादसे का शिकार हो गया. हालांकि, इस हादसे में चालक दल के सदस्यों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है.

इससे पहले एयरलैंडर ने लंदन के कार्टिंग्टन एयरपोर्ट से बीते गुरुवार को पहली उड़ान भरी थी. विमान रविवार (14 अगस्त) को ही उड़ान भरने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते ऐसा न हो सका. इस विमान की पहली उड़ान सफल रही लेकिन बुधवार को जब इसने दूसरी बार उड़ान भरी तो इसकी क्रैश लैंडिंग करानी पड़ी. इस विमान को बनाने वाली कंपनी ने इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी है.

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आइए जानते इस विमान से जुड़ी 10 बड़ी बातें:

1) एयरलैंडर-10 की सबसे बड़ी खासियत है कि यह विमान, हेलीकॉप्टर और एयरशिप तीनों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

2) इस विमान को प्लेन और बड़े हेलीकॉप्टर का मिलाजुला रूप भी कहा सकता है. यह सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल भी है.

3) इसमें बतौर ईंधन हीलियम गैस का इस्तेमाल किया जाता है, जो हाइड्रोजन की तरह ज्वलनशील नहीं होता है.

4) इसे उड़ान भरने के लिए रनवे की जरूरत भी नहीं पड़ती. इस तरह यह बेहद कम लागत वाला और पर्यावरण के लिए अनुकूल विशाल हेलीकॉप्टर बन जाता है.

5) इसे लोगों और सामान की ढुलाई के काम में लगाया जा सकता है. यानी यह सेना के साथ ही यह नागरिक सेवाओं के भी अनुकूल है.

6) 302 फुट लंबे इस विमान की कीमत 25 मिलियन पौंड है.

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7) 10 टन तक वजन ढोने में सक्षम यह विमान लगातार 2 हफ्ते तक हवा में रह सकता है.

8) 148 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार वाला यह विमान 16 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.

9) अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में निगरानी के लिए इस विमान का निर्माण शुरू किया था, लेकिन 2013 में यह प्रोजेक्ट बंद हो गया. बाद में ब्रिटेन की विमान कंपनी हाईब्रिड एयर व्हीकल्स ने इसका निर्माण शुरू किया.

10) 86 साल पहले भी ऐसी ही एक एयरशिप बनाने की कोशिश की गई थी. उसने भी 1930 में कार्डिंग्टन एयरपोर्ट से उड़ान भरी, लेकिन एयरशिप फ्रांस में क्रैश हो गई और 48 लोग मारे गए.

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